Haryana: पंजाब सरकार ने दिया हरियाणा को बड़ा झटका, इस नहर का रोका पानी

 
 पंजाब सरकार ने दिया हरियाणा को बड़ा झटका, इस नहर का रोका पानी

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा की सैनी सरकार को पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बड़ा झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक, भाखडा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 9 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4000 क्यूसिक कर दिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा को भाखड़ा नहर से मिलने वाले पानी में ये कटौती करीब 15 दिन पहले पंजाब की भगवंत मान सरकार ने की है। अब हरियाणा में सिंचाई और पेयजल को लेकर परेशानी बढ़ सकती है। 20 मई तक पानी की कमी प्रदेश में दिखाई देने लगेगी। जानकारी के मुताबिक, पंजाब सरकार के इस फैसले से हरियाणा के लोगों को पानी की किल्लत हो सकती है।

पांच जिले होंगे ज्यादा प्रभावित

जानकारी के मुताबिक, पंजाब सरकार के इस फैसले से प्रदेश के पांच जिलों में पानी की ज्यादा परेशानी होने की संभावना है। इनमें हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़ शामिल हैं। इन जिलों के अलावा भी दूसरे कई जिलों मे पानी की किल्लत हो सकती है। लोगो को पीने का पानी और किसानों की फसलों के लिए पानी मे किल्लत आ सकती है।

CM सैनी ने पंजाब मुख्यमंत्री से बात की

मिली जानकारी के अनुसार, पंजाब सरकार के इस फैसले पर हरियाणा सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसको लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से बात की है। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा सीएम ने मान से कहा है कि यह उनका फैसला उचित नहीं है। जल्द ही उन्हें हरियाणा को शर्तों के हिसाब से पूरा नौ हजार क्यूसिक पानी देना होगा।

सिंचाई और पीने के लिए पंजाब देता है पानी

जानकारी के मुताबिक, पंजाब, भाखड़ा नहर का पानी हरियाणा को मुख्य रूप से सिंचाई और पेयजल के लिए उपलब्ध कराता है। भाखड़ा नांगल परियोजना, जो सतलज नदी पर बनी है, से पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के क्षेत्रों को सिंचाई और पेयजल प्रदान करता है। 

मिली जानकारी के अनुसार, इस नहरी पानी से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लाखों एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। इस नहर का पानी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, खासकर जहां पानी की कमी होती है।

1981 जल समझौते

जानकारी के मुताबिक, 1976 में केंद्र ने 7.2 मिलियन एकड़ फीट पानी में से 3.5 एमएएफ पानी हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की थी। इसके लिए सतलुज-यमुना को जोड़ने वाली SYL नहर परियोजना बनी, मगर बात अटकी तो वर्ष 1981 में संबंधित राज्यों के बीच फिर जल समझौता हुआ। वर्तमान में पंजाब से लगभग 1.8 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी मिल रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार, यह पानी कई जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है, और कुछ जगहों पर जल संकट भी दूर होता है।

पानी को लेकर चल..

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा को भाखड़ा से अतिरिक्त पानी देने के मामले में पंजाब के सीएम भगवंत का कहना है कि, भाजपा की केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के पानी को लेकर एक और गंदी चाल चली जा रही है, हम इसे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे।

बीजेपी दबाव डाल रही है कि हरियाणा को और ज़्यादा पानी दो, जबकि हरियाणा सरकार समझौते के तहत अपने हिस्से का पूरा पानी इस्तेमाल कर चुकी है। बीजेपी को अगर हरियाणा को पानी देना है तो वो जो उन्होंने पाकिस्तान का पानी रोकने की बात कही है वो पानी हमारे डैम में भर दो, हम वो पानी आगे दे देंगे, लेकिन अभी हमारे पास हरियाणा को एक बूंद भी ज़्यादा पानी देने को नहीं है।