Haryana: हरियाणा में गेहूं की खरीद आज से शुरू, सरकार ने रखा 415 अनाज मंडियों से 75 लाख टन खरीद का लक्ष्य

Haryana: हरियाणा की 415 अनाज मंडियों में आज से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होगी। इस बार प्रदेश सरकार ने 75 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। जानकारी के अनुसार फिलहाल इन अभी मंडियों में खरीद के लिए पर्याप्त तैयारियां पूरी नहीं हुई हैं। कहीं बारदाना नहीं पहुंचा है तो कई मंडियों में मूल सुविधाओं का अभाव है। सभी मंडियों में गेहूं उठान को लेकर टेंडर भी नहीं हुए हैं।
वहीं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने आधी-अधूरी तैयारियों को लेकर सरकार को घेरा है। वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक राजेश जोगपाल ने आरोपों से इन्कार किया है।
कैथल जिले की पूंडरी अनाज मंडी में अभी तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है। मंडी में फड़ अभी तक तैयार नहीं हैं। मंडी के मुख्य गेट के बाहर सड़क पर सीवरेज का काम चल रहा है, जिससे किसानों और व्यापारियों को आने-जाने में दिक्कतें आ रही हैं। कैथल के 51 अनाज खरीद केंद्रों पर इस बार छह लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
इसके लिए एक करोड़ 20 लाख बैग की जरूरत है, लेकिन एजेंसियों के पास एक करोड़ 45 लाख बैग उपलब्ध हैं। अभी तक मंडियों से गेहूं उठान को लेकर टेंडर नहीं हो पाए हैं। कुरुक्षेत्र में भी आधी-अधूरी तैयारियों व अव्यवस्थाओं के बीच मंगलवार से खरीद शुरू होगी। जिले के 23 खरीद केंद्रों पर बारदाने की 10 हजार गांठें पहुंचाई गई हैं।
पानीपत के खरीद केंद्रों पर मूल सुविधाओं का संकट
पानीपत में गेहूं की खरीद के लिए 12 केंद्र बनाए गए हैं। मंडियों में व्यवस्था काफी हद तक हो चुकी है, लेकिन खरीद केंद्रों पर अभी मूलभूत समस्याएं बनी हुई हैं। खरीद केंद्रों पर झाड़ू भी नहीं लगी है। अधिकारियों का दावा है कि बारदाने की कोई कमी नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर बारदाने का और इंतजाम किया जाएगा।
सैलजा ने सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया है कि मंगलवार से प्रदेश में गेहूं की खरीद शुरू होनी है पर अभी तक कोई तैयारी नहीं है, बारदाना और गेंहू उठान के लिए अभी तक टेंडर तक जारी नहीं किए गए हैं। मंडियों में न तो पीने के पानी का उचित प्रबंध हैं और न ही स्ट्रीट लाइटें ठीक की गई हैं।
प्रदेश सरकार अभी तक केवल घोषणाएं करने में लगी है, जबकि धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। सरकार को इस दिशा में कठोर कदम उठाना चाहिए और किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखना चाहिए।
दो-तीन जिलों में उठान का टेंडर होना बाकी : जोगपाल
राजेश जोगपाल ने बताया कि राज्य में बारदाने की कमी नहीं है। दो-तीन जिलों को छोड़ बाकी सभी जगह उठान के टेंडर फाइनल हो चुके हैं। सिर्फ दरें राज्य समिति की ओर से स्वीकृत की जानी हैं। जब तक नया टेंडर नहीं होता, तब तक पुराने टेंडर का ठेकेदार ही उठान जारी रखेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार ने खरीद सीजन के लिए 6653.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट की स्वीकृति दे दी है। बैंकर्स को निर्देश दि गए हैं कि मंडियों से निकासी गेट पास जारी होने के 48 से 72 घंटे के अंदर किसानों के खाते में भुगतान कर दिया जाए।
राजेश जोगपाल ने सोमवार को खरीद एजेंसियों एफसीआई, हैफेड और वेयर हाउस कार्पोरेशन के अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की।