अंर्तराष्ट्रीय नारी दिवस पर डी.ए.वी. शताब्दी पब्लिक स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन

भिवानी ।
स्थानीय डी.ए.वी. शताब्दी पब्लिक स्कूल कोंट रोड़ में 11 हरियाणा बटालियन एन.सी.सी. भिवानी के कामांडिग आफिसर कर्नल राजेश दहिया प्रशासनिक अधिकारी ले. कर्नल थामस कुट्टी व सुबेदार मेजर डी. गोपाला के मार्गदर्शन में अंर्तराष्ट्रीय नारी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और नारी के सम्मान में विभिन्न गतिविधियों को आयोजन किया गया। इन गतिविधियों में भाषण, कविता और नुक्कड़ नाटक आदि मंचन किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्या जगदीप कौर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज अंर्तराष्ट्रीय नारी दिवस है। जान कर अच्छा लगा कि हमने पुरुष प्रधान समाज में एक दिन नारियों के लिए भी रखा है। पुरुष प्रधान समाज ने नारियों के नाम पर एक दिन बना के नारी जाती को सम्मान दे दिया जहाँ हर पल नारी अपमानित होती है। आज हर किसी के मुँह पर नारी दिवस कि बधाई देता हुआ मिल रहा है। नारी कि व्याख्या सिर्फ एक नारी ही कर सकती है पुरुष के अंदर पुरुषत्व का अहम् होता है।
नारी के त्याग को उनका कर्त्तव्य समझते हैं। ईश्वर कि सबसे उत्कृष्ट रचना है मानव जाति और इस मानव जाती में सबसे सुन्दर कृति है “नारी”। एनसीसी फस्र्ट आफिसर राजेश कुमार मुखी ने आज के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नारी पुरुष के जीवन को संपूर्ण बनती है, नारी जाति कि सबसे सुन्दर रूप होता है “माँ” का। माँ ममता से भरी स्नेह कि मूर्ति होती है अपने बच्चों को उसके पिता से 9 महीने पहले से प्यार करती है इसीलिए बच्चे के मुह से सबसे पहला शब्द माँ ही आता है। नारी के विभिन्न रूप हैं एक नारी अपने जीवन के हर पात्र बखूबी से निभाती है माँ, बहन, पत्नी, बेटी।
नारी पत्नी के रूप में अपने माता पिता को छोड़ कर पुरुष के जीवन को सँवारने आती है पुरुष को संपूर्ण बनती है। बहन के रूप में भाई को रिश्ते का मतलब समझती है निस्वार्थ स्नेह करती है। बेटी के रूप में अपने पिता कि कीर्ति को एक जगह से दूसरे जगह फैलाती है, पिता अपनी मर्यादा पुत्री से ही जुड़ा मानता है। नारी एक अच्छी मित्र भी होती है। नारी के सभी रूप न्यारे हैं। लेकिन बदलते समाज में नारी के भी रूप में कुछ परिवर्तन तो आया लेकिन फिर भी नारी अपने कर्त्वयों का वहन पुरुषों से कही बेहतर करती हैं।
भारत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रंशसा एवं प्यार के लिए सामान्य उत्सव के रूप मनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्या महोदया ने सभी महिलाओं को अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।