Haryana: हरियाणा सरकार ने राजस्थान की इन 4 यूनिवर्सिटी की डिग्रियों को बताया अमान्य, इन कर्मचारियों की गई नौकरी
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Haryana: हरियाणा के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने प्रदेश के कॉलेजों से 160 लेक्चरर को नौकरी से हटा दिया है। इसके विरोध में शुक्रवार को लेक्चरर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि प्रदेशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में तकरीबन दो हजार एक्सटेंशन लेक्चरर कार्यरत हैं।
हरियाणा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग ने 18 फरवरी को एक आदेश जारी करके 160 लेक्चरर को अयोग्य करार दिया और नौकरी से हटा दिया है। जिसके बाद हरियाणा कांट्रैक्चुअल कॉलेज टीचर एसोसिएशन (एचसीसीटीए) ने सरकार के इस फैसले से नाराज है।
एचसीसीटीए के प्रधान रामपाल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में बताया कि यूजीसी ने 16 जनवरी को राजस्थान के तीन निजी विश्वविद्यालयों ओपीजेएस, सनराइज और सिंघानिया विश्वविद्यालय को अगले 5 वर्षों तक पीएचडी की डिग्री प्रदान करने से बैन कर दिया है। इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पहले से प्राप्त पीएचडी डिग्रियां अमान्य हैं या अवैध मानी जाएंगी। इसी के आधार पर हरियाणा सरकार ने 160 एक्सटेंशन लेक्चरर्स को 18 फरवरी को नौकरी से निकाल दिया।
एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि इन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले सैकड़ों लोग रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर, एडिड कॉलेजों, प्राइवेट विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी पदों पर कार्यरत हैं। ऐसे में केवल एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर कार्रवाई सवालों के घेरे में हैं। इस मुद्दे को लेकर सीएम, शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा निदेशक राहुल हुड्डा से मुलाकात कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में हर पहलू को आधार बनाकर प्लानिंग की जा रही है। बहुत जल्द सरकार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।