Weather Report: कल से फिर बदलेगा मौसम, बारिश का दौर होगा खत्म, पड़ेगी चिलचिलाती धूप 

 
कल से फिर बदलेगा मौसम, बारिश का दौर होगा खत्म, पड़ेगी चिलचिलाती धूप 

Weather Report: मई के अंत में उत्तर-पश्चिम भारत में तेज आंधी और बारिश ने जबरदस्त राहत पहुंचाई। जून की शुरुआत भी ठंडी हवाओं और बादलों के बीच सुहानी रही। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में प्री-मानसूनी गतिविधियों ने गर्मी की तीव्रता को कम किया।

बारिश की संभावना

हालांकि अब यह नम और ठंडा दौर समाप्ति की ओर है। अगले 24 से 48 घंटों तक कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और कहीं-कहीं ओले गिरने की संभावना बनी हुई है। इसके बाद मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। Weather Report

शुष्क और गर्म मौसम

6 जून से उत्तर-पश्चिम भारत में शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं हावी हो जाएंगी। ये हवाएं नमी को दूर कर देंगी, जिससे उमस में तेज गिरावट आएगी। आसमान साफ हो जाएगा और अधिकतर इलाकों में चटक धूप देखने को मिलेगी। Weather Report

तापमान में बढ़ोतरी

पिछले कुछ दिनों की ठंडी और नमी भरी परिस्थितियों के कारण दिन का तापमान काफी नीचे चला गया था। लेकिन अब साफ आसमान और तेज धूप की वजह से पारा धीरे-धीरे बढ़ेगा और राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में तापमान फिर से 40°C के करीब पहुंच सकता है। Weather Report

यह गर्म और शुष्क मौसम 6 जून से 11 जून तक बना रह सकता है। इस दौरान बारिश की कोई खास संभावना नहीं है और लोगों को भीषण गर्मी झेलनी पड़ सकती है। Weather Report

बदलाव की शुरुआत

11 जून के आसपास मौसम में फिर से बदलाव की संभावना है। सबसे पहले उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके बाद 13 जून तक यह वर्षा बेल्ट धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ेगा और उत्तर-पश्चिम भारत के अन्य हिस्सों को भी कवर करेगा। Weather Report

मानसूनी हवाओं का इशारा

इस बदलाव के साथ ही हवाओं की दिशा भी बदलेगी। पश्चिम की बजाय अब पूर्वी हवाएं चलेंगी, जो संकेत देंगी कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की पूर्वी शाखा इंडो-गंगा मैदान में प्रवेश कर रही है। Weather Report

गर्मी के लिए रहें तैयार

संक्षेप में, उत्तर-पश्चिम भारत के निवासियों को 6 जून से शुरू होने वाले गर्म, शुष्क दौर के लिए तैयार रहना चाहिए। Weather Report

हालांकि 11 जून के बाद एक बार फिर बारिश की वापसी होगी, जो प्री-मानसूनी या फिर मानसून की शुरुआती गतिविधियाँ हो सकती हैं।