हाथरस।
हाथरस गैंगरेप कांड में गुरुवार को ढाई साल बाद SC-ST कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने 4 आरोपियों में से सिर्फ एक संदीप ठाकुर को दोषी माना है। जबकि 3 आरोपियों लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को बरी कर दिया। अदालत ने संदीप को गैर इरादतन हत्या (धारा-304) और SC/ST एक्ट में दोषी माना है। संदीप को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
4 आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। वहीं, पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा है, ”वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।” इससे पहले, गुरुवार सुबह चारों आरोपियों को पेशी पर कोर्ट लाया गया था। फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था।
युवती को गंभीर हालत में बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया। इसके बाद उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसे 28 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया। जहां 29 सितंबर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। जब शव हाथरस लाया गया, तो पुलिस ने बिना परिजन की अनुमति के उसी रात शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।
इस घटना के फोटो और वीडियो वायरल हुए तो जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। मामला बढ़ने पर प्रदेश सरकार ने एसपी और सीओ सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद 11 अक्टूबर को मामले की जांच CBI को सौंप दी।
प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद CBI ने केस टेकओवर किया। CBI ने इस मामले में 104 लोगों को गवाह बनाया। इनमें से 35 लोगों की गवाही हुई थी। 67 दिन की जांच के बाद CBI ने 18 दिसंबर 2020 को चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
फैसले से पहले पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाह ने कहा, “लगभग ढाई साल से पीड़िता का परिवार न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहा है। यहां तक कि परिवार ने अपनी बेटी की अस्थियां अभी तक संभालकर रखी हुई हैं। वे कहते हैं कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा। वे अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। जिस दिन न्याय मिलेगा, उस दिन बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया गया था , लेकिन ये वादे आज तक पूरे नहीं हुए।
पीड़ित परिवार लगातार संघर्ष कर रहा है। परिवार हर जगह सुरक्षा के साथ ही जाता है। सब्जी लेनी हो, रिश्तेदार के यहां जाना हो, सीआरपीएफ के जवानों की सुरक्षा में परिवार जी रहा है। रसूख वाले लोगों का अभी भी भय है। परिवार का कोई भी सदस्य नौकरी नहीं कर पा रहा है। बच्चियों की नौकरी तक छूट गई है। मुझे पूरी उम्मीद है कि बेटी के साथ गैंगरेप के आरोपियों को कोर्ट सख्त से सख्त सजा देगा।
दोषियों को सजा मिलने पर ही पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। आज अगर कोर्ट का फैसला गैंगरेप पीड़िता के पक्ष में आया तो निश्चित ही देश की महिलाओं के लिए बड़ा मैसेज जाएगा। हमारे घर की बहू बेटियां खेतों में काम करते हुए भी सुरक्षित नहीं हैं, पर ये फैसला आने के बाद उन्हें हमारी न्याय पालिका पर भरोसा होगा।
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