हरियाणा में गठबंधन टूटने के कगार पर ?

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भिवानी हलचल, अभय ग्रेवाल।

2024 में पूरे देश में लोकसभा चुनाव होने है । हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई है। इसकी एक वजह इन दिनों भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने की चर्चा भी है, क्योंकि भाजपा के नेता जजपा के साथ चुनाव लडऩे से भाजपा को नुकसान होने का अंदेशा जता चुके है। फिलहाल हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा पार्टी का कब्जा है, अगर दोनों पार्टिया गठबंधन में चुनाव लड़ेगी तो कुछ सीटे जजपा को भी देनी पड़ेगी। भाजपा हरियाणा के बड़े नेता व केेद्रीय नेतृत्व मान रहा है कि एक बार फिर से भाजपा मोदी केे दम पर सता हासिल करेगी।
हाल ही में दिल्ली में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिप्लब देब की रिपोर्ट पर हरियाणा के नेताओं से फीडबैक लिया। मीटिंग में हलोपा पार्टी के संयोजक और विधायक गोपाल कांडा के साथ ही अन्य विधायकों के नामों पर चर्चा की गई। पार्टी सूत्रों की माने तो अब गठबंधन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा। संभावना जताई जा रही है कि 30 जून को पार्टी का महाजनसंपर्क अभियान पूरा होने के साथ ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
हरियाणा में गठबंधन तोड़ने के लिए भाजपा नुकसान नही उठाना चाह रही है, पंजाब में भी भाजपा ने अकादी दल को गठबंधन तोडऩे के लिए मजबूर कर दिया था, ठीक वैसी ही ब्यानबाजी या निर्दलीय विधायकों से भाजपा हरियाणा प्रभारी बिप्लब देब का मिलना इसी और इशारा कर रहा है। भाजपा जजपा को गठबंधन तोडऩे के लिए मजबूर कर देंगी।
गठबंधन को लेकर हुई मीटिंग
दिल्ली में दो घंटे चली मीटिंग में हरियाणा के सियासी हालातों पर गहन मंथन किया गया। बैठक का प्रमुख मुद्दा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन रहा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस बैठक में प्रमुख रूप से शामिल हुए। इसमें हरियाणा के ष्टरू मनोहर लाल खट्टर, प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और हरियाणा बीजेपी कोर गुरुप के नेता मौजूद रहे।
इसलिए टूट सकता है गठबंधन
हरियाणा की खट्टर सरकार का रूख इसलिए भी गर्म है कि अगर जजपा-सरकार से अपना समर्थन वापिस लेती है तो भी भाजपा सरकार को कोई खतरा नही है, क्योंकि हरियाणा राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। सरकार को बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। अभी भाजपा के पास कुल 41 विधायक हैं।  इसके साथ-साथ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मनोहर सरकार को है।
जजपा भी तैयार
वही दूसरी तरफ जजपा भी सरकार में सहयोगी बीजेपी के संदेश को समझ गई है और 10 लोकसभा सीटों पर काम करना शुरू कर दिया है। हरियाणा के दो राजनीतिक घरानों के बीच गठबंधन को लेकर काफी समय से जुबानी जंग चल रही है है। दोनों ही परिवार एक दूसरे पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। बृजेंद्र सिंह ने दुष्यंत चौटाला के सीएम बनने के सवाल पर कहा कि मुंगेरी लाल के सपने कोई भी देख सकता है। पहले भी देख रहे थे। पहले भी सीएम बनकर आ रहे थे। वे अपना माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। गठबंधन के दो सीनियर नेताओं की एक दूसरे को लेकर ऐसी ब्यानबाजी में दोनों पार्टियों की बीच दरार लाने का काम कर रही है।

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