Farming: बिना खर्चा किए छापे मोटा पैसा, 3 महीने में मालामाल कर देगी ये खेती

Farming: आज हम सभी किसान भाइयों के लिए लेकर आयें है एक ऐसी खेती के बारे में जानकारी जिसको आप बिना खर्च लगाए इससे मोटी कमाई कर सकते है। तो चलिए जानते है इस खेती को करने का सही तरीका क्या है और इसमें कितनी पैदावार होती है।
जानकारी के मुताबिक, बाजरा की पूसा-443 किस्म की खेती में करने में लागत और मेहनत बहुत कम आती है, जिससे किसानों के लिए यह लाभकारी होती है। इसके अलावा, यह कम सिंचाई और उच्च तापमान के बावजूद भी अच्छी उपज देती है।
पूसा-443 किस्म के बाजरे की खेती को ज्यादा सिंचाई की जरुरत नहीं होती है और यह उच्च तापमान वाली परिस्थितियों में भी बेहतर परिणाम देती है, जिससे यह खासतौर पर गर्म क्षेत्रों में उपयुक्त है।
मिली जानकारी के अनुसार, बाजरे की पूसा-443 किस्म की बुवाई के लिए 6-8 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की जरुरत होती है। यह बीज की मात्रा फसल की अच्छी वृद्धि सुनिश्चित करती है।
पूसा-443 की खेती में जैविक खाद का इस्तेमाल करना फसल की गुणवत्ता और उर्वरता को बढ़ाता है, जिससे बेहतर उत्पादन और पर्यावरणीय लाभ होता है।
पूसा-443 किस्म की बाजरा में डाउनी मिल्ड्यू और ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है, जिससे फसल को कम नुकसान होता है और उत्पादन सुरक्षित रहता है।
बाजरा पूसा-443 किस्म की फसल बुवाई के बाद करीब तीन महीने में पककर तैयार हो जाती है, जिससे किसानों को जल्दी मुनाफा मिलता है।
जानकारी के मुताबिक, बाजरा की पूसा-443 किस्म की खेती से एक हेक्टेयर में 30 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है, जो किसानों के लिए आकर्षक है। यह एक उच्च उपज देने वाली किस्म है। इसे मिलेट्स भी कहते हैं, आजकल इसकी जबरदस्त डिमांड है।