भिवानी।
जिले के गांव मधुमाधवी की बेटी डॉ मधु ने पीएचडी करके गांव व अपने शहर का नाम रोशन कर किया है। उन्होंने अपने शोध विषय में बताया कि विद्यार्थियों के जीवन कौशल पर इंटरनेट का बढ़ता प्रभाव व साथियों का दबाव तथा परिवार के वातावरण का बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में शोधकर्ता डॉ मधु ने अपने शोध में निष्कर्ष निकालते हुए समापन अवसर कहा कि अत्यधिक इंटरनेट प्रयोग से उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के जीवन कौशल को उत्तम बनाने के लिए साथियों व मित्र मंडल के द्वारा दबाव पर आने पर विद्यार्थियों का जीवन कौशल प्रभावित होता है।
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के लिए उपयोगी जीवन कौशल के गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए संतुलित इंटरनेट का उपयोग तथा कम साथियों का दबाव तथा परिवार के वातावरण का प्रभाव विद्यार्थियों पर पड़ता है तथा विद्यार्थियों की जीवन कौशल उत्तम हो पाता है जिससे उनकी शिक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
बता दें कि वर्तमान में डॉक्टर मधु पंडित सीताराम शास्त्री बीएड ट्रेनिंग महाविद्यालय भिवानी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं उन्होंने अपने शोध विषय में बताया की संतुलित इंटरनेट का प्रयोग विद्यार्थी साथियों के दबाव में कोई भी गलत निर्णय न लें तथा अपने उपयोगी समय को परिवार के बीच रहकर जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है परिवार से ही बच्चों का सर्वोत्तम विकास संभव होता है।
इस अवसर पर डॉ मधु के पिता सत्यवीर तथा माता सरोज बाला ने कहा की मधुमाधवी गांव में उनकी बेटी पहली पीएचडी है तथा डॉक्टर बनकर उसने गांव का नाम रोशन किया है। उन्होंने अपनी बेटी को बधाई दी। डॉ मधु की एक बहन बौंदकलां में एचएसएससी क्लर्क पद पर हैं तथा भाई आर्मी में कैप्टन जगजीत सिंह हिसार में पोस्टिंग है। भिवानी परिवार के सभी ससुराल पक्ष ससुर सतपाल तथा सास श्रीमती गीता व पति संदीप तंवर व अन्य सभी परिवारजन के सदस्यों तथा संबंधियों ने डॉक्टर मधु को परिवार का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी इसके अलावा शिक्षा विभाग प्रमुख डॉ अरुणाचल, पंडित सीताराम शास्त्री बीएड टैनिंग महाविद्यालय प्राचार्य डा. विकास शर्मा ने उनको बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।