हरियाणा सरकार सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा के बीच घंटों ट्रैफिक जाम और आने-जाने में परेशानी झेलने वाले हजारों लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। इन दोनों शहरों के बीच आरआरटीएस बनाने की योजना बनाई गई है। इस कॉरिडोर के बनने से इन शहरों में कामकाजी लोगों और छात्रों को काफी फायदा होगा।
केंद्र सरकार ने बनाई योजना
केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में गुरुग्राम को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) बनाने की योजना बनाई है। 60 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर गुरुग्राम के राजीव चौक को नोएडा सेक्टर-142 और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर से जोड़ेगा। बीच में यह फरीदाबाद के बाटा चौक से होकर गुजरेगा।
इस प्रस्तावित 60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर 8 स्टेशन बनाने की योजना है। इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली-एनसीआर में परिवहन व्यवस्था की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। इस परियोजना पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके बनने से जहां ट्रैफिक के दबाव से राहत मिलेगी, वहीं पर्यावरण को भी प्रदूषण से बचाया जा सकेगा।
हरियाणा सीएम ने की चर्चा
इस संबंध में हरियाणा के सीएम नायब सैनी और केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच बैठक हुई है। इस दौरान दोनों के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर विकास और मेट्रो विस्तार को लेकर चर्चा हुई है, जिसमें सराय काले खां से बाढ़सा स्थित एम्स तक करनाल गुरुग्राम मेट्रो के विस्तार पर भी चर्चा हुई।
इसके अलावा, योजनाओं में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट को गुरुग्राम, फरीदाबाद और जेवर एयरपोर्ट जैसे प्रमुख एनसीआर केंद्रों से आरआरटीएस नेटवर्क के जरिए जोड़ना भी शामिल है, जिससे इन तीनों शहरों की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। भविष्य में सराय काले खां से राजस्थान के धारूहेड़ा, बावल और शाहजहांपुर तक इसके विस्तार पर भी विचार किया जा रहा है।