भारत सरकार ने आम जनता को किफायती आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक प्रमुख योजना प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) है। हाल ही में इस योजना के दूसरे चरण पीएमएवाई-यू 2.0 को मंजूरी दी गई है। इस योजना का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के परिवारों को मिलेगा। खास तौर पर होम लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी का प्रावधान इस योजना को काफी आकर्षक बनाता है।
1 करोड़ परिवारों को मिलेगा सीधा लाभ
इस योजना के तहत अगले पांच सालों में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने इस योजना के लिए ₹2.30 लाख करोड़ की केंद्रीय सहायता देने का फैसला किया है। यह सहायता राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और प्राथमिक ऋण देने वाली संस्थाओं (पीएलआई) के सहयोग से लागू की जाएगी।
ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस): मुख्य बातें
₹25 लाख तक के होम लोन पर 12 साल तक के लिए ब्याज सब्सिडी। सबसे पहले 8 लाख रुपये तक के लोन पर 4 फीसदी की दर से सब्सिडी दी जाएगी। यह सुविधा 35 लाख रुपये तक की कीमत वाले घरों के लिए उपलब्ध है। पात्र लाभार्थियों को 1.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी राशि पांच वार्षिक किस्तों में सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र व्यक्ति को किसी भी प्राथमिक ऋण संस्थान (पीएलआई) जैसे बैंक, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी आदि से संपर्क करना होगा। अपनी जरूरत के हिसाब से योजना के चार घटकों में से एक को चुनना होगा। सब्सिडी की राशि पुश बटन तकनीक के जरिए सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी का यह नया चरण न सिर्फ मध्यम वर्ग और शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास के सपने को साकार करेगा, बल्कि सरकार का यह कदम ‘सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।