चंडीगढ़।
हरियाणा पुलिस निरीक्षक भर्ती घोटाला 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को झटका दिया है। कोर्ट ने सरकार की जांच के लिए समय बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। साथ ही हरियाणा सरकार को 2 महीने में जांच पूरी करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दलील दी कि अब तक जांच कर रही कमेटी ने इस मामले को लेकर तीन बैठकें कर ली हैं। 19 दिसंबर को फिर से बैठक बुलाई है। जांच समिति कोर्ट के द्वारा दिए गए समय में जांच पूरी नहीं कर पाएगी, इसलिए समिति को तीन महीने का समय दिया जाए।
सरकार की इस दलील पर कोर्ट के टिप्पणी की कि समिति से अपेक्षा की गई थी कि वह मामले में अधिक तत्परता से काम करेगी। बहरहाल न्याय के हित में समिति को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 23 दिसंबर 2022 से दो और महीने का समय दिया जाता है।
2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। उन्हीं के शासन में 22 जुलाई 2008 को निरीक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। 2009 में इस मामले का खुलासा तब हुआ जब यह मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा। हरियाणा गृह विभाग के द्वारा इस कथित घोटाले की जांच की जा रही है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं।
भर्ती उम्मीदवार अमित कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि भर्ती के वह मेधावी उम्मीदवार थे, उन्होंने 200 अंकों में 145 अंक अर्जित किए, लेकिन उन्हे साक्षात्कार में सिर्फ सात नंबर ही दिए गए। जबकि उन उम्मीदवारों का चयन किया गया जिनके राजनेताओं से अच्छे संबंध थे। उन उम्मीदवारों के अंक भी साधारण थे। इसके अलावा अन्य याचिकाओं पर भी कोर्ट सुनवाई कर रही हैं।
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