52 युनिट रक्त चढऩे पर भी नही बची गर्भवती की जान, 2 डाक्टरों पर मामला दर्ज

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 पलवल ।

डिलीवरी के दौरान एक अधिक खून बहने से गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही ये यह हुआ है। डॉक्टरों ने कई बार महिला के पेट को खोला-बंद किया, इससे रक्त बह गया और जान चली गई। पुलिस ने मृतका के पति की शिकायत पर अस्पताल के 2 डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

सिटी थाना प्रभारी तेजपाल के अनुसार, हूडा सेक्टर-2 निवासी आमिर खान ने दी शिकायत में कहा है कि उसकी पत्नी शहनाज गर्भवती थी और उसे बच्चा होने वाला था। उसने अपने पत्नी को 19 जून को पलवल के निधि अस्पताल में दाखिल करवा दिया। डॉक्टरों ने उसे कहा कि उसकी पत्नी की डिलीवरी नॉर्मल नहीं होगी।

उसी रात डॉक्टरों ने उसकी पत्नी का ऑपरेशन कर दिया और रात के करीब 8 बजे उसकी पत्नी को ऑप्रेशन से बच्चा पैदा भी हो गया। आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान उसकी पत्नी के पेट को डॉक्टरों ने 3 से 4 बार खोला व बंद किया।

52 बोतल रक्त चढ़ा, नहीं बची जान

उसने पत्नी को गंभीर हालत में फरीदाबाद के निजी अस्पताल में दाखिल करा दिया। वहां 52 बोतल खून चढ़ने के बाद भी जब सेहत में सुधार नहीं हुआ तो रोहतक मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। जहां शहनाज ने मौत से जंग लड़ती रही। आखिरकार ज्यादा खून बह जाने के कारण 13 जुलाई देर रात को उसकी पत्नी की मौत हो गई।

मृतका के पति आमिर ने कहा कि उसकी पत्नी की मौत के जिम्मेदार निधि अस्पताल के डॉक्टर निधि व डॉ.वीपी सिंह हैं। इन दोनों की लापरवाही के कारण ही उसकी पत्नी के पेट की नसें कट गई और खून का बहना बंद नहीं हुआ। पुलिस ने मामले में दोनों आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 इस बारे में निधि अस्पताल के डॉक्टर वीपी सिंह से जब संपर्क किया तो उनका कहना था कि बच्चा पैदा करने के लिए महिला का ऑपरेशन किया गया था, बच्चा पैदा भी हो गया था। लेकिन उस दौरान महिला को ज्यादा खून बहने लगा तो उन्होंने उसे रेफर कर दिया। इसमें उनकी कोई लापरवाही नहीं है। उन पर बेवजह का आरोप लगाया जा रहा है।

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