चंडीगढ़।
हरियाणा रोडवेज कर्मियों का सरकार से टकराव टल गया है। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ लगभग 3 घंटे चली मीटिंग में 8 मांगों पर आंदोलनरत कर्मियों की सहमति बन गई। इसके बाद हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा ने बल्लभगढ़ में परिवहन मंत्री के आवास के घेराव का फैसला वापस ले लिया है।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी साझा मोर्चा की ओर से मांगों को पूरा करने के लिए एक महीने का समय परिवहन मंत्री को दिया गया है। लगभग 3 घंटे चली बैठक में परिचालकों व लिपिकों का वेतनमान 35 हजार 400 रुपए करने, देय अर्जित अवकाश व सभी लाभ देने, पुरानी पेंशन नीति (OPS) लागू करने, लिपिकों की पदोन्नति शीघ्र करने, जूनियर ऑडिटर के पदों से कार्यालय अधीक्षक के पद पर प्रमोशन का अनुभव 12 वर्ष की बजाय पांच वर्ष करने पर चर्चा हुई।
परिवहन मंत्री ने कहा कि अर्जित अवकाश में कटौती का निर्णय वर्ष 1995 से लागू नहीं कर 20 सितंबर 2022 से लागू किया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग से मंजूरी ली जाएगी। परिवहन मंत्री ने कहा कि कर्मचारी विभाग की रीढ़ हैं। उनकी जायज मांगों पर पूरी गंभीरता से विचार किया जाएगा। साझा मोर्चा के पदाधिकारियों सरबत पूनिया ने बताया कि वार्ता सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। कुछ मांगों पर सरकार ने सहमति जताई है, इसलिए 12 मार्च को परिवहन मंत्री का घेराव स्थगित कर दिया गया है। हरियाणा निवास में हुई मीटिंग में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क और परिवहन आयुक्त यशेंद्र सिंह के साथ 10 यूनियनों के साझा मोर्चा पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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