ज़ीरो बजट जहर मुक्त प्राकृतिक खेती पर संयुक्त मुहिम चालएंगे संत कंवर साहेब और आचार्य देवव्रत

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भिवानी।

आध्यात्मिक जीवन उन्नति के लिए संगत के लिए जारी पांच नियमों में राधास्वामी सत्संग दिनोद के संत कंवर साहेब जी महाराज 23 मार्च को आचार्य देवव्रत की उपस्थिति मे छठा नियम जोड़ेंगे।यह छठा नियम होगा जहर मुक्त प्राकृतिक खेती का।इस नियम का खेती कार्यो से जुड़े हुए 11 हजार सत्संगी हुजूर कंवर साहेब और आचार्य देवव्रत की संयुक्त उपस्थिति में संकल्प उठाएंगे।उलेखनीय है कि 1867 से राधास्वामी मत के अनुयायी उन्नत आध्यात्मिक जीवन हेतु नशा मुक्ति,मांसाहार त्याग,चोरी ना करना और सदाचार के चार नियम मानते थे।इन्हीं नियमों को राधास्वामी सत्संग दिनोद के अधिष्ठाता संत ताराचंद जी महाराज ने भी बरकरार रखा।1997 में संत ताराचंद जी महाराज के इंसानी चोला त्यागने के पश्चात उनके गुरुमुख शिष्य कंवर सिंह ने प्रधानाध्यापक के पद से स्वैछिक सेवानिवृति लेकर गुरु कारज को संभाला।उन्होंने इंसान की आध्यात्मिक उन्नति के साथ साथ सामाजिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त किया।समाज में बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या को नेस्तनाबूद करने के लिए उन्होंने 2004 में राधास्वामी मत में नामदान से पूर्व चले आ रहे चार नियमों में पांचवां नियम भ्रूण हत्या रोकने का जोड़ा।लाखो की संगत को इस मुहिम से जोड़ने की उनकी इस पहल का नतीजा यह निकला कि समाज मे फैले इस पाप में आश्चर्यजनक गिरावट आई।इसी कड़ी में आज जहर युक्त खेती भी इंसानी जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन कर खड़ी है।इसी कड़ी में एक बार फिर संत कंवर साहेब ने अपने नियमों में जहर मुक्त प्राकृतिक खेती का छठा नियम जोड़ कर राधास्वामी मत के अनुयायियों को इस समस्या के समाधान के लिए प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा है।
संत कंवर साहेब जी महाराज की सद्प्रेरणा से 11 हजार की बड़ी हाजरी द्वारा जहर मुक्त प्राकृतिक खेती की शपथ आचार्य देवव्रत की मुहिम को बड़ा बल प्रदान करेगी।करोड़ो दिलों में राधास्वामी नाम से आध्यात्मिक एवं सामाजिक चेतना जगाने वाले कंवर साहेब जी महाराज दिनोद स्थित राधास्वामी आश्रम की कृषि भूमि में स्वयं अपने हाथों से प्राकृतिक खेती करते हैं लेकिन अब वे अपनी संगत को भी आचार्य देवव्रत की इस मुहिम से जोड़ेंगे।हुजूर कंवर साहेब जी अपने सत्संगों में भी इंसान की उन्नति में सहायक अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय कोश और आनंदमय कोश में अन्नमय कौश को ही आधार कौश मानते हुए फरमाते हैं कि अन्न तभी शुद्ध होगा जब कृषि में रसायनिक खाद व किटनाशको का उपयोग बंद हो जाएगा।उन्होंने कहा कि रसायनिक खाद व किटनाशकों के कारण केंसर और अन्य कई बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ गई हैं।

उन्होंने कहा कि रसायनिक खादों पर आधारित अनाज शरीर के विभिन्न अंगों को कई तरह से प्रभावित करता है।खेतों में जहर भरा अनाज उगाने के कारण पक्षियों की कई प्रजातियां नष्ट हो गई है।धरती का क्षरण घट रहा है पर्यावरण दूषित हो रहा है।उन्होंने कहा कि इंसान भक्ति भी तभी कर पायेगा जब उसका तन स्वस्थ होगा।गुरु महाराज जी ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत की मुक्तकंठ प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में इन जैसे महापुरुषों की वजह से ही जागृति आती है।उन्होंने पर्यावरण के साथ साथ इंसानी जीवन बचाने की निस्वार्थ मुहिम छेड़ रखी है।उनकी इस मुहिम में राधास्वामी सत्संग दिनोद की समस्त संगत साथ खड़ी है।

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