जींद।
जिले के उचाना में सरकारी स्कूल में छात्राओं के साथ अश्लील छेड़छाड़ मामले की जांच जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने पूरी कर ली है। छात्राओं ने DEO को जो बताया, उसे सुन वे भी अपने आंसू नहीं रोक पायी। जिला स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। शिक्षा अधिकारी अब मामले की उच्च स्तरीय जांच के पक्ष में हैं। इसको लेकर सोमवार को मुख्यालय को पत्र भेजा जाएगा।
छात्राओं ने प्रिंसिपल के खिलाफ जो पत्र लिखा है, उसमें गंभीर खुलासे हुए हैं। छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल को जो भी छात्रा ‘पसंद’ आ जाती वे उसे बहाने से काले दरवाजे वाले ऑफिस में बुलाते और फिर छेड़छाड़ करते। उसे अच्छे अंकों से पास कराने का लालच देते। कुछ महीने पहले तक स्कूल में तैनात रही एक शिक्षिका प्रिंसिपल की दोस्त थी और वह छात्राओं को उनके पास काले शीशे वाले कमरे में भेजती थी। अंदर जो होता, वो बाहर से नहीं दिखता।
जींद जिले के उचाना के राजकीय स्कूल की छात्राओं ने 31 अगस्त 2023 को महिला आयोग दिल्ली, राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम 5 पेज का पत्र लिखा था। इसमें छात्राओं ने बताया गया कि उनके स्कूल का प्रिंसिपल करतार सिंह उन्हें अपने कक्ष में बुलाकर उनके साथ गंदी हरकतें करता है। उनके साथ छेड़छाड़ करता है। प्रिंसिपल ने अपने कार्यालय में काले शीशे का दरवाजा लगाया हुआ है।
इसमें अंदर से बाहर की तरफ सब दिखता है, लेकिन बाहर से अंदर कुछ नहीं दिखता। यहां छात्राओं को बुलाकर अश्लील बात करता था, यदि कोई आता दिख जाए तो बात को घूमा देता था। छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य को जो छात्रा पसंद आ जाती है, वह किसी न किसी बहाने उसे अपने कार्यालय में बुला लेता है और अपनी कुर्सी के पास खड़ा रखता है। उनसे गंदी बात करता है, गलत नीयत से स्पर्श करता है और पास करने का लालच देता है।
छात्राओं की शिकायत जिला प्रशासन के पास पहुंची तो एडीसी की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई। डीईओ ज्योति श्योकंद भी स्कूल की छात्राओं से बाचीत करने पहुंची तो छात्राओं पर प्रिंसिपल की ज्यादती की बातें सुनकर उनकी आंख छलक आयी। छात्राओं ने बताया कि काफी लड़कियों के साथ प्राचार्य ऐसा कर चुका है। अगर कोई छात्रा विरोध करती है, तो झूठे आरोप लगाकर स्कूल से निकालने, पेपर और प्रेक्टिकल में फेल करने की धमकी देता है।
शिकायतकर्ता छात्रा के अनुसार वह भी खुद दो बार प्राचार्य की गलत हरकत शिकार हो चुकी है। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार अधिकारियों के पास भी लंबे समय से इसकी शिकायत थी। स्टाफ द्वारा भी कई बार अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन हर बार आरोपी प्राचार्य को बचाया गया। कुछ शिक्षकों ने बातचीत कर मामले को निपटाने का प्रयास किया। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
एडीसी डॉ. हरीश वशिष्ठ का कहना है कि प्राथमिक विभागीय जांच के बाद शिक्षक को सस्पेंड किया गया है। जांच अभी जारी रहेगी। जिस प्रकार के आरोप हैं और इनमें सत्यता पाई गई है, इससे प्राचार्य की बर्खास्तगी भी हो सकती है।
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