Success Story : साहब ने सिपाही को भेजा चाय लेने, वापिस लौटा SDM बनकर, जाने इनके सफलता की कहानी…

20130
SHARE
Success Story

Success Story : देश में बेरोजगारी की मार को देखते हुए यह लगता है कि सरकारी नौकरी किसी मैडल से कम नहीं है। सरकारी नौकरी हासिल करना एक पदक जीतने के बराबर हो गया है। बेरोजगारी और जनसंख्या के बढ़ते प्रभाव को साफतौर पर देखा जा सकता है। प्रतियोगी परीक्षा में लाखों की भीड़ में से कुछ पदों को भरा जाता है।

हजार पदों पर निकली भर्ती के लिए लाखों की संख्या में आवेदन आते हैं। रेलवे जैसी भर्ती में 2 करोड़ के लगभग आवेदन संख्या पहुँच जाती है। आज हम आपको ऐसे ही शख्स की बात कर रहे हैं, जिन्होंने मंजिल पाने के लिए हार नहीं मानी और जो भी मिला उसे भी स्वीकार किया।

ये शख्स हैं बलिया के छोटे से गांव इब्राहिमाबाद निवासी 33 वर्षीय श्यामबाबू। जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद ही कमजोर रही। आर्थिक स्थिति हालात इसी से पता चलती है की बहनों को स्कूल तक नहीं भेजा जा सका। श्यामबाबू ने दसवीं पास करने के बाद ही सरकारी नौकरी के लिए हाथ-पांव मारने शुरू कर दिए।

 

अंतत: मेहनत रंग लाई और यूपी पुलिस के हेड कांस्टेबल पद पर भर्ती हो गए। हालांकि सिपाही बनने के बाद भी उन्होंने लक्ष्य को हासिल करने की ठान रखी थी। नौकरी से छुट्टी नहीं मिली तब प्राइवेट ही पढ़ाई जारी रखी। 2010 से उनको पीसीएस परीक्षा देने की धुन सवार हुई।

 

2016 में पीसीएस परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल की और SDM बने। 12वीं पास करने के बाद ही पुलिस में कांस्टेबल बन गए थे। 14 साल पुलिस में नौकरी करने वाले श्यामबाबू को जब डिप्टी एसपी साहब ने चाय लाने के लिए भेजा तो इसी दौरान शयाम बाबू के फोन पर एक सन्देश आया, जिसमें वो पीसीएस परीक्षा पास कर चुके थे।

 

जब श्यामबाबू ने चाय के साथ ये खबर DSP साहब को सुनाई और कहा कि सर में एसडीएम बन गया हूँ। DSP साहब उठे और श्यामबाबू को सेल्यूट किया, साथ ही मेज पर रखी चाय भी श्यामबाबू को पिलाई। पुलिस में कांस्टेबल रहते हुए ही स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। श्यामबाबू 6 बार के प्रयास के बाद आखिरकार SDM बन ही गए।

 

आईजी ने दिया ये संदेश

आईजी नवनीत सेकरा ने ट्विटर पर लिखा, ‘श्याम बाबू को 14 सालों की कड़ी मेहनत के बाद मिली सफलता के लिए बधाई। वे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा में सफलता के बाद एसडीएम बने हैं। हम या तो बहाने ढूंढते हैं या सपनों को साकार करने के लिए मेहनत कर सकते हैं। उन्हें देश की सेवा के लिए मेरी शुभकामनाएं।’