फरीदाबाद।
अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। एक महिला के पति के जिंदा रहते हुए दलाल ने महिला की विधवा पेंशन बनवा दी। इसके बाद लगभग डेढ़ साल तक महिला का शारीरिक शोषण करता रहा। बाद में दलाल की नजर महिला की बेटी पर गई, तो उनमें अनबन हो गई।
आरोप है कि इसके बाद आरोपी ने महिला को फर्जी कागजातों से विधवा पेंशन लेने का डर दिखा कर उसे ब्लैकमेल किया। उससे पेंशन कटवाने के नाम पर लाखों रुपए की डिमांड कर दी। महिला ने इसकी शिकायत महिला आयोग से की। शुक्रवार को आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने इस मामले का खुलासा किया है।
रेनू भाटिया ने बताया कि आज वह फरीदाबाद में छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद के मामलों को सुनवाई कर रही थीं। इसी दौरान महिला के साथ विधवा पेंशन के नाम पर धोखा करने का मामला आया। केस को समझा गया तो मालूम हुआ कि पीड़ित महिला को लाड़ली योजना के तहत अपनी बेटी की पेंशन बनवानी थी, लेकिन महिला की विधवा पेंशन बना दी गई। आयोग की चेयरपर्सन ने कहा कि हैरानी की बात है कि महिला को करीब डेढ़ साल तक यह नहीं मालूम था कि उसकी विधवा पेंशन बनी हुई है। विधवा पेंशन बनवाने के लिए पति का डेथ सर्टिफिकेट और श्मशान घाट की पर्ची भी जरूरी होती है।
रेनू भाटिया ने आगे बताया कि जिस दलाल के जरिए महिला ने पेंशन बनवाई थी, उसने महिला को ब्लैकमेल करते हुए करीब डेढ़ साल तक उससे शारीरिक संबंध बनाए। दलाल की नजर अब महिला की बेटी पर थी। इसका विरोध महिला ने किया तो बात बिगड़ गई, और दलाल ने महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी कि यह महिला पति जिंदा होने पर भी विधवा पेंशन ले रही है।
रेनू भाटिया ने कहा कि पेंशन का मुद्दा बहुत गंभीर है कि किस तरह अधिकारियों-कर्मियों और दलालों की मिलीभगत से गिरोह सक्रिय है, और इस तरह महिलाओं का शोषण हो रहा है। यह तो अभी केवल एक मामला सामने आया है। जांच के बाद और मामले भी सामने आ सकते हैं।
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