स्वर कोकिला भारत रत्न लता जी का निधन ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई असंभव है: हुजूर कंवर साहेब महाराज

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भिवानी हलचल ।

भिवानी। भारत की स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर परमसंत हुजूर कंवर साहेब जी महाराज ने शोक जताया। सुर साम्राज्ञी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हुजूर महाराज जी ने कहा कि लता जी का निधन ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई असंभव है । उनका जाना हर किसी का व्यक्तिगत नुकसान है क्योंकि उन्होंने अपने गायन से अनगिनत लोगों को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, लता जी के अंदर की भारतीयता उनके संगीत में झलकती थी, उनके जैसा व्यक्तित्व का अवतरण सदियों में होता है.

रंगकर्मी कवि और वैश्य महाविद्यालय में प्रवक्ता हरिकेश पंघाल ने भारत रत्न लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जब तक भारतीय गीत संगीत लोगों का मनोरंजन करेगा तब तक लता जी की आवाज़ भी सुनी जाती रहेगी. देश की लगभग हर भाषा में गीत गाकर उन्होंने अपनी आवाज़ के माध्यम से देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया. मेरी परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।हरिकेश पंघाल ने कहा कि मेरे अनगिनित विद्यार्थी लता जी से प्रेरित होकर संगीत व गायन के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं।

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