हरियाणा में 129 तहसील अफसर फंसे, बिना एनओसी की रजिस्ट्री

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 129 नायब तहसीलदार, तहसीलदार और डीआरओ के खिलाफ चार्जशीट करने की मंजूरी दे दी है।
इन अधिकारियों पर आरोप है कि इन्होंने नियम 7A के तहत जरूरी एनओसी के बिना दर्जनों रजिस्ट्रियां कीं।
अब राजस्व विभाग द्वारा इन अधिकारियों को चार्जशीट देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जिन अधिकारियों ने 50 से ज्यादा रजिस्ट्री की हैं, उनके खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विसेज कोड के रूल 7 के तहत सख्त कार्रवाई होगी। वहीं 50 से कम रजिस्ट्री करने वालों पर रूल 8 के तहत प्रक्रिया चलेगी, जो अपेक्षाकृत हल्की कार्रवाई मानी जाती है।
रिटायर हो चुके अधिकारियों के मामले में सरकार नरमी दिखा सकती है, क्योंकि इन मामलों में कोई वित्तीय गड़बड़ी सामने नहीं आई है। फिलहाल इस पर विचार चल रहा है। यह फैसला साफ संकेत देता है कि सरकार अब बिना अनुमति के की गई रजिस्ट्रियों को लेकर सख्ती बरतने वाली है।
कोविड के दौरान गलत तरीके से की गई रजिस्ट्रियां
कोविड काल के दौरान प्रदेश के कई जिलों में हजारों की संख्या में नियम 7 ए की एनओसी के बिना रजिस्ट्री की गई थी। उस समय राजस्व विभाग की कमान उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास थी। विपक्ष ने रजिस्ट्री घोटाले का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। वहीं सरकार के आदेशों पर खुफिया विभाग ने भी रिपोर्ट तैयार की थी। खुफिया विभाग के इनपुट में कहा गया कि इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं।
खास तौर पर धारा 7 ए को अनदेखा किया। इतना ही नहीं राजस्व अफसरों पर पैसे लेकर रजिस्ट्री करने की बात भी सामने आई। सरकार को इनके पास आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का भी शक है। पटवारियों और दलालों की लिस्ट लीक होने के बाद सरकार ने इन भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट को पूरी तरह से सीक्रेट रखा है।
रेवेन्यू डिपार्टमेंट टुकड़ों में कार्रवाई के मूड में
सूत्रों की माने तो सरकार के कुछ वरिष्ठ अफसरों ने एक साथ 129 राजस्व अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसे टुकड़ों में कार्रवाई करने का सुझाव दिया है। अब देखना होगा कि विभाग किस तरह की कार्रवाई का तानाबाना तैयार करता है। फिलहाल मुख्यमंत्री नायब सैनी का भ्रष्टाचार के खिलाफ रुख आक्रामक है जिसमें सिंचाई विभाग के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए जा चुके हैं।
सरकार को अफसरों पर भ्रष्टाचार का शक कैसे हुआ
सरकारी सूत्रों के मुताबिक खुफिया विभाग ने गड़बड़ी को लेकर रिपोर्ट दी थी। जिसमें कहा कि इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं। इन्होंने रेवेन्यू विभाग के भूमि पंजीकरण नियम के नियम 7-A को अनदेखा किया। बिना NOC लिए रुपए लेकर रजिस्ट्री कर दी। जिससे इन्होंने इनकम से अधिक प्रॉपर्टी बना ली है।