दादरी प्राइवेट अस्पताल में तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई

चरखी दादरी स्थित प्राइवेट अस्पताल में तोड़फोड़ करने व डॉक्टर और नर्स के साथ मारपीट करने के मामले में पुलिस ने करीब 20 महीने बाद केस दर्ज किया है। उस दौरान कुछ लोगों ने महिला की मौत होने पर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा हंगामा किया था। इस मामले में पुलिस ने 11 नामजद व अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू की है।
जुलाई 2023 में हुई थी घटना बता दे कि चरखी दादरी में लोहारू रोड़ पर सिविल अस्पताल के सामने स्थित ऑस्कर अस्पताल में कार्यरत विकास कुमार ने पुलिस को एक शिकायत दी थी। जिसमें उसने बताया था कि 27 जुलाई 2023 को सुबह एक महिला मरीज के परिजन लेकर उनके अस्पताल में आए थे जिनके साथ एक महिला डॉक्टर भी थी। जो बेहोशी की हालत में थी। मरीज की डिलीवरी नार्मल धनखड़ हॉस्पीटल चरखी दादरी में हुई थी। उसके बाद ज्यादा खून बह जाने के कारण मरीज की हालत सीरियस थी। जब मरीज उनके पास आया तो उसका बीपी भी सामान्य नहीं था। मरीज के घरवालों को बता दिया गया था कि हालत खराब है मरीज को कुछ भी हो सकता है, अगर ले जाना चाहो तो ले जा सकते हो। मरीज के पति ने कंसेंट साइन किया और इलाज की सहमति दी।
महिला की हुई थी मौत
उन्होंने डा. बिन्दु (अल्टीमा हॉस्पीटल) को बुलाया उससे पहले मरीज के रिश्तेदारों ने अन्य डॉक्टर को बुला लिया। मरीज को ओटी में लेकर गये जहां डॉ० बिन्दु ने टांके लगाकर मरीज की ब्लीडिंग रोकने की कोशिश की। मरीज में हिमोग्लोबिन भी कम था। इमरजेन्सी में कृष्णा ब्लड बैंक से खून मंगवाया। मरीज को आईसीयू में शिफ्ट किया लेकिन थोड़ी देर बाद मरीज की मौत हो गई। आईसीयू में जब मरीज की मृत्यु हुई उस टाईम मरीज के पास उसके रिश्तेदारों द्वारा बुलाए गए डॉक्टर मौजूद थे।
मौत के बाद किया हंगामा
मरीज की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने फोन करके सैकडों आदमी और महिलाएं वहां बुला लिए। जिन्होंने अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट की और तोड़-फोड शुरू कर दी और डॉक्टर को बाहर निकलते ही मारने की धमकी देने लगे। जिसके कारण हॉस्पीटल में दाखिल अन्य मरीजों में भय का माहौल बन गया और स्टाफ हॉस्पीटल छोड़कर चले गये। हॉस्पीटल से 112 नम्बर पर कॉल की और बाद में काफी प्रशासन बुलाना पडा। ऐसे में हॉस्पीटल का काफी नुकसान हुआ। बाद में डेडबॉडी को पुलिस ने शिफ्ट करवाया। इस पूरे हंगामे के बीच में एक बीएमएस डॉक्टर की उसके पास कॉल आई और कहने लगा कि पैसे में राजीनामा होगा । लेकिन उसने मना कर दिया और उसको धमका दिया। उसके बाद दो अगस्त 2023 को एक एमसी की कॉल आई और मरीज के डेथ सर्टिफिकेट के बारे में पुछा तो उसे बता दिया गया कि वे जमा करवा देंगे और आधार कार्ड आने दो अभी 21 दिन का समय होता है। इसके बाद तीन लड़के हॉस्पीटल में आये और सीधा आईसीयू में जाकर तेज-तेज बोलकर स्टाफ के साथ बहस करने लगे और धमकी देने लगे।
20 माह बाद केस दर्ज
शिकायतकर्ता ने बताया कि 27 जुलाई 2023 को उसने एक शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने दोबारा से एसपी कार्यालय में तोड़फोड़ करने, मारपीट करने, धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है जिसके आधार पर पुलिस ने मृतका के पति सहित 11 नामजद व अन्य के खिलाफ धारा 323/452/506/427 आईपीसी के तहत दर्ज कर कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।