एयर होस्टेस डिजिटल रेप में मेदांता पर कार्रवाई की तैयारी
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पर कार्रवाई हो सकती है। यहां हुए एयर होस्टेस के डिजिटल रेप के बाद स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के निर्देश पर अस्पताल को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। गुरुग्राम की सिविल सर्जन एवं सह संयोजक जिला पंजीकरण प्राधिकरण (CMO) डॉ. अलका सिंह ने अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को 5 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है।
नोटिस में मेदांता अस्पताल प्रबंधन से पूछा गया कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट के तहत एयर होस्टेस की प्राइवेसी और गरिमा को ध्यान रखा गया या नहीं। एयर होस्टेस की जांच के दौरान महिला की मौजूदगी सुनिश्चित की गई थी या नहीं? साथ ही कहा गया है कि लगता है कि अस्पताल ने दोनों ही जरूरी नियमों का सही से पालन नहीं किया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बताएं कि यह चूक कैसे हुई?
बता दें कि 13 अप्रैल को बंगाल की रहने वाली एक एयर होस्टेस ने गुरुग्राम पुलिस को शिकायत दी थी कि मेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान उसका डिजिटल रेप किया गया है। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच करते हुए बिहार के रहने वाले एक आरोपी दीपक को पकड़ा था।
जांच में पता चला कि आरोपी पोर्न एडिक्ट था। उसने पोर्न देखकर अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटी एयर होस्टेस के प्राइवेट पार्ट्स से छेड़छाड़ की। हालांकि, पकड़े जाने पर उसने माफी भी मांगी। उसने कहा था कि एयर होस्टेस की हालत देखकर उसकी नीयत खराब हो गई थी, इसलिए उसने ऐसा किया।
देश में मेडिकल क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार द्वारा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट लागू किया गया है। ताकि अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं के न्यूनतम मानकों को निर्धारित किया जा सके। हरियाणा ने इस एक्ट को अपनाया है। यह एक्ट सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सभी प्रकार के मेडिकल क्लिनिकल प्रतिष्ठानों पर लागू है, जो मेडिकल की सभी मान्यता प्राप्त प्रणालियों से संबंधित हैं। जिसमें सिंगल डॉक्टर क्लिनिक भी शामिल हैं।
चैप्टर छह और सात के तहत दिया नोटिस
चैप्टर छह -इसके तहत अस्पताल को इलाज के दौरान मरीज की गोपनीयता (Confidentiality), मानवीय गरिमा ( human dignity) और प्राइवेसी (privacy) रखना जरूरी है। इसके उल्लंघन पर पहली बार में 25 से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। चैप्टर सात- पुरुष डॉक्टर या स्टाफ द्वारा महिला पेशेंट की शारीरिक जांच के दौरान किसी महिला स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करना अस्पताल की जिम्मेदारी होती है। इसके उल्लंघन पर भी जुर्माना और मामले की गंभीरता के अनुसार अलावा अन्य कार्रवाई भी की जा सकती है।

