पानी विवाद पर हरियाणा में सर्वदलीय बैठक शुरू

पंजाब की तरफ से भाखड़ा नहर का पानी रोकने को लेकर चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक चल रही है। हरियाणा निवास में हो रही बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कर रहे हैं। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा, JJP के नेता व पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला, AAP से प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता भी मौजूद हैं।
वहीं हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर चुकी है। इसके लिए दिल्ली में अधिकारियों से ड्राफ्ट तैयार कराया जा रहा है। उम्मीद है कि आज याचिका दायर की जाएगी।जबकि, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) भी शाम 5 बजे चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों के साथ मीटिंग करने वाला है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को दिल्ली में भी मुख्य सचिवों के बीच मीटिंग हुई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के 9 जिलों में पानी का संकट होने लगा है। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली और राजस्थान जाने वाले पानी में कटौती की जा सकती है। हरियाणा से ही दोनों राज्यों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति होती है।
शुक्रवार को दिल्ली में पानी विवाद को लेकर 2 मीटिंग हुई। पहली मीटिंग केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों से की। गृह सचिव ने पंजाब और हरियाणा को इस मामले में जिद छोड़ने को कहा। साथ ही हरियाणा को पानी की जरूरत को लेकर BBMB के पास तर्क पेश करने को कहा।
दूसरी मीटिंग BBMB अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों से हुई। यहां भी दोनों राज्यों में सहमति नहीं बनी। पंजाब 4 हजार क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की। इसके बाद केंद्रीय गृह सचिव ने दोबारा BBMB बोर्ड को मीटिंग करने के निर्देश दिए।
उधर, पानी के विवाद को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में ऑल पार्टी मीटिंग ली। हालांकि, यहां विपक्ष की तरफ से सिर्फ पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ही पहुंचे। कांग्रेस और अकाली दल ने अपने प्रतिनिधि भेजे।
मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा- सभी ने सरकार का साथ देने की हामी भरी है। वे सभी राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब सरकार के फैसले के हक में हैं। ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव आया है। 5 अप्रैल को विधानसभा के स्पेशल सेशन में इस पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा- पंजाब के पानी को एक फरमान के माध्यम से हरियाणा को देने का फैसला लिया गया। अधिकारियों को बदल दिया गया। प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका उचित नहीं है।
पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा डैम पर सुरक्षा बढ़ाने और पानी न देने के फैसले को लेकर हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब की संस्कृति तो छबील लगाकर प्यासे को पानी पिलाने की थी, लेकिन आज इस पंजाब ने हरियाणा के लोगों का पीने वाले पानी का गिलास छीन लिया है। विज ने नसीहत दी कि फेडरल स्ट्रक्चर में हम मैं-मैं कर नहीं जी सकते। हम किसी न किसी रूप में अपने पड़ोसी प्रांतों से जुड़े हुए हैं।
विज ने अपने बयान से पंजाब सरकार को यह भी सुना दिया कि जैसे आपने हमारा पानी रोका है, अगर हम आपकी रेल रोक लें, आपकी सड़कें रोक दें, तो आपका क्या हाल होगा? साथ ही विज ने कहा कि हालांकि हम ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि हम देश के फेडरल स्ट्रक्चर को मानते हैं।