शुद्ध ऑक्सीन देने के साथ-साथ आध्यात्मिकता का केंद्र भी है त्रिवेणी : उपायुक्त महाबीर कौशिक 

 
शुद्ध ऑक्सीन देने के साथ-साथ आध्यात्मिकता का केंद्र भी है त्रिवेणी : उपायुक्त महाबीर कौशिक 

भिवानी :

त्रिवेणी के पेड़ इस विश्वास के कारण पूजनीय है कि इनमें हिंदु देवताओं की त्रिमुर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश निवास करते है और दिव्य सकारात्मक ऊर्जा से भी जुड़े होते है। बरगद एवं पीपल की आयु हजारों वर्षो की तथा नीम की आयु सैंकड़ों वर्षो की होती है।

ऐसे में बरगद, पीपल व नीम हजारों वर्षो तक लोगों को शुद्ध ऑक्सीन देने के साथ-साथ आध्यात्मिकता का केंद्र भी बने रहते है। यह बात उपायुक्त महाबीर कौशिक ने स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में त्रिवेणी रोपित करने के उपरांत कहे।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक त्रिवेणी अवश्य लगानी चाहिए, ताकि वे अपने अपनी वाली पीढिय़ों के लिए स्वच्छ हवा का उपहार छोड़ सकें।

इस अवसर पर त्रिवेणी बाबा ने कहा कि त्रिवेणी में लगने वाले पेड़ बड़, पीपल और नीम का वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। इसीलिए इन पेड़ों का लगाना, पानी देना और पार्षद करना एक महान पुण्य का कार्य है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक हवलदार लोकराम नेहरा व शंकर नर्सरी संचालक चंद्रमोहन ने उपायुक्त महाबीर कौशिक को विश्वास दिलाया कि वे मानसून के मौसम में 101 त्रिवेणी का रोपण करने के साथ उनके संरक्षण की जिम्मेवारी भी लेंगे, ताकि भिवानी को हरा-भरा व स्वच्छ बनाया जा सकें।