भक्ति भी बिना योग के संभव नहीं है, और राधास्वामी मत का तो आधार ही सूरत शब्द का योग है-हुजूर कंवर साहेब
दिनोद।
योग न केवल मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ता है बल्कि यह भगत को परमात्मा से भी जोड़ने का काम करता है।
भक्ति भी बिना योग के संभव नहीं है और राधास्वामी मत का तो आधार ही सूरत शब्द का योग है। इसलिए प्रतिदिन योग करे और शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के साथ साथ आध्यात्मिक लाभ भी पाएं। यह संदेश राधास्वामी सत्संग दिनोद में परमसंत सतगुरु कंवर साहेब जी महाराज ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उपस्थित साध संगत को प्रतिदिन योगकरने का संकल्प दिलाते हुए दिया।
हुजूर कंवर साहेब ने कहा कि योग का अर्थ है जोडना। शारीरिक योग क्रियाएं मनुष्य को जहां शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करती हैं वहीं आंतरिक योग मनुष्य के लिए प्रभु प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।परम संत हुजूर महाराज ने फरमाया कि बेशक आज पूरा विश्व योग दिवस को मना रहा है।
लेकिन राधास्वामी मत के प्रवर्तक स्वामी जी महाराज ने तो बहुत पहले इसकी प्रासंगिकता को समझ लिया था इसलिए उन्होंने सूरत शब्द के योग का दर्शन दिया।
उन्होंने कहा कि राधा स्वामी मत में प्रचलित सूरत शब्द के योग से आप एक ही समय में शारीरिक,मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने भारत सरकार के एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग मंत्र की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि अशांति,तनाव और अस्थिरता वाले कलयुग में योग ने मानव जाति को शारीरिक,मानसिक आध्यात्मिक संबल प्रदान किया है। उन्होंने उपस्थित संगत को प्रतिदिन योग करने का संकल्प दिलाया।

