BJP विधायक बोले-आज MP-MLA की कोई इज्जत नहीं

हरियाणा के जींद में विधायक रामकुमार गौतम ने कहा कि आज सांसद (MP) और विधायक (MLA) की कोई इज्जत नहीं बची है। विधायक के पास आज कुछ नहीं है, बस घूम फिरकर आ जाते हैं। इतना ही नहीं दादा गौतम ने पार्टी छोड़ने के 9 माह बाद ये भी बताया कि जेजेपी से उसने क्यों इस्तीफा दिया।
कहा कि एमएलए को पहले इस्तीफा देना पड़ता है, उसके बाद पार्टी छोड़नी पड़ती है। मगर, उन्होंने पहले पार्टी छोड़ी। जेजेपी से इस्तीफा देने का कारण पार्टी का एक गलत फैसला था। इसे लेकर ही वो नाराज हुए थे। जेजेपी ने उनसे ही समझौता कर लिया, जिसने पहले भी पार्टी का बीज मारा था, इसके बावजूद पार्टी ने समझौता किया।
विधायक रामकुमार गौतम जींद के पिल्लूखेड़ा में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की पूरी हुकूमत 2014 में आई थी। उस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे। 2014 से पहले यही नहीं पता था कि यह देश, पाकिस्तान है या हिंदुस्तान। नरेंद्र मोदी ने दुनिया को यह एहसास करवा दिया कि यह पाकिस्तान नहीं है, यह देश हिंदुस्तान है। धारा-370 को तोड़ना, राम मंदिर का निर्माण, तीन तलाक को खत्म करना महत्वपूर्ण कार्य है, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया।
दलबदल कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत
विधायक रामकुमार गौतम आगे कहा कि लोगों को एंटी डिफेक्शन लॉ (दलबदल कानून) के खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है। एंटी डिफेक्शन कानून नहीं होता तो उन्हें JJP नहीं छोड़नी पड़ती। इसी कानून के कारण एमएलए और एमपी की कोई वैल्यू नहीं बची है। लोगों को इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए, ताकि इनकी इज्जत बनी रहे। इसके अलावा कहा कि विधायक और सांसदों की इज्जत बढ़ेगी तो जनता के काम भी नेता डंके की चोट पर करवा सकेंगे।
रामकुमार गौतम 10 साल से मंत्री पद की दौड़ में हैं। 2019 में वह जननायक जनता पार्टी के टिकट पर नारनौंद सीट से चुनाव लड़े थे और उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराया था। तब राज्य में भाजपा और जजपा गठबंधन की सरकारी बनी थी। जजपा कोटे से उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो गौतम का दुष्यंत चौटाला से विवाद हो गया।
उन्होंने दुष्यंत चौटाला के खिलाफ बयानबाजी भी की। इसके बाद 2024 में चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में आ गए। जनता से वादा किया कि अगली बार पावरफुल विधायक बनेंगे। भाजपा में आने के बाद सफीदों विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते। मगर, भाजपा ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया। इसका दर्द अब भी राजकुमार गौतम के अंदर है।
25 अक्टूबर को विधानसभा में विधायकों की शपथ के दौरान प्रोटेम स्पीकर रघुबीर कादियान ने गौतम से कहा था कि इस बार भी नंबर नहीं आया। इस पर गौतम ने कहा कि सब ईश्वर की इच्छा पर निर्भर है।