मानेसर नगर निगम में सफाई घोटाला:90 करोड़ के फर्जी भुगतान 

 
मानेसर नगर निगम में सफाई घोटाला:90 करोड़ के फर्जी भुगतान 

गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम (MCM) में सफाई ठेके में अनियमितताओं का मामला अब सड़कों पर आ गया है। सफाई ठेका कंपनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को शिकायत भेजी है। जिसमें नगर निगम आयुक्त व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर जानबूझकर भुगतान रोकने, अनुचित जुर्माना लगाने व बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

कंपनी की शिकायत पर आयुक्त को मुख्यालय से तलब किया गया था, जिसके बाद मंगलवार शाम को आयुक्त रेणु सोगन का तबादला कर दिया गया। आज ठेका कंपनी व आयुक्त को अपना पक्ष रखने के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय बुलाया गया है।

हालांकि एमसीएम अधिकारियों ने ठेका कंपनी के आरोपों को झूठा करार देते हुए इसे अधिकारियों को बदनाम करने का प्रयास बताया है, क्योंकि कंपनी ठेके के अनुसार मैनपावर व मशीनरी की जरूरतें पूरी करने में विफल रही है। इसके चलते कंपनी पर 4 करोड़ 30 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। एमएलए पटौदी बिमला चौधरी ने कई बार निगम अधिकारियों से शिकायत की थी कि सफाई का काम सही नहीं हो रहा है। 11 अप्रैल लिखी चिट्‌ठी में विधायक ने कहा था कि आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए और एसडब्ल्यूएम पोर्टल के माध्यम से ही पेमेंट की जाए। इसे ध्यान में रखते हुए एजेंसी पर 4.50 करोड़ रुपए का चालान लगाया गया है और साथ ही निगम मुख्यालय को जांच भी सौंपी जाएगी। 

विधायक से शिकायत मिलने के बाद नगर निगम ने पाया कि सफाई एजेंसी ने 2023 से दिसंबर 2024 तक की बिल अदायगी में भी पूरे 1997 सफाईकर्मियों के अनुसार निगम से भुगतान उठाया है। ये राशि लगभग 90 करोड़ रुपए बनती है।

निगम आयुक्त रेनू सोगन ने इस पर जांच के आदेश दिए थे। नगर निगम मानेसर की सफाई शाखा और बिल संबंधी अधिकारियों ने अनुमानित 1997 सफाई कर्मचारियों के बजाय कम कर्मचारी लगाने पर आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर लगभग 4.30 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई।

एजेंसी की जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक लगाए गए सफाई कर्मियों की डिटेल दर्शाती है कि किस तरह निगम में 1/4 मैनपावर पर ही आकांक्षा इंटरप्राइजेज ने हर महीने 100 प्रतिशत मैनपावर की पेमेंट निगम से ली है।

संतोषजनक काम बताकर कांट्रेक्ट बढ़ाया था

शीशपाल सिंह राणा ने बताया कि एमसीएम के आंतरिक रिकॉर्ड में कंपनी का काम संतोषजनक है। इसी वजह से कंपनी का कांट्रेक्ट आगे बढ़ाया गया था। अगर वे काम नहीं कर रहे थे तो कांट्रेक्ट नहीं बढ़ाया जाता।

अधिकारियों ने ठेकेदार के आरोप झूठे बताएं

हालांकि एमसीएम कमिश्नर रेणु सोगन द्वारा ठेकेदार की शिकायतों को निराधार बताया गया है। उनका कहना है कि ठेकेदार के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। मैनपावर लगाने में गड़बड़ी, खराब सर्विस के चलते जुर्माना भी लगाया गया है।

सारे दस्तावेज सरकार द्वारा निगरानी के लिए बनाए पोर्टल पर मौजूद हैं और कई स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनकी समीक्षा की जाती है। ठेकेदार को बार-बार कमियों को दूर करने का निर्देश दिया था, खासकर मैनपावर और ट्रैक्टर-माउंटेड स्वीपिंग मशीनों को लेकर ध्यान नहीं दिया गया।