किसान एक्सप्रेस को भिवानी जंक्शन से ही संचालित करने की मांग 

 
 किसान एक्सप्रेस को भिवानी जंक्शन से ही संचालित करने की मांग 

भिवानी,

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी जिला कमेटी भिवानी ने भिवानी रेल जंक्शन पर धरना देकर मांग की है कि  हिसार व किसान एक्सप्रेस का पहले की तरह भिवानी जंक्शन से ही संचालित किया जाए। रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने भी इस अवसर पर मांग की है कि 60 वर्ष से उपर आयु की महिलाओं, पुरुषों, विकलागों व पत्रकारों को पहले की तरह टिकटों में छूट दी जाए, क्योंकि करोनाकाल में यह छूट बंद कर दी गई थी। दोनों संगठनों ने इसके लिए स्टेशन मास्टर के माध्यम से महाप्रबंधक अमिताभ नार्थ ईस्ट रेलवे मंडल जयपुर को ज्ञापन भिजवाया है।
           इस अवसर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव कामरेड ओमप्रकाश, सचिव मंडल सदस्य कामरेड अनिल कुमार व करतार ग्रेवाल ने बताया कि हिसार एक्सप्रेस व किसान एक्सप्रेस का संचालन भिवानी जंक्शन से बंद करने के बाद दैनिक  यात्रियो व आम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शहर व गांव के 90 प्रतिशत लोग इसी जंक्शन से यात्रा करते हैं, इस जंक्शन पर रेल यात्रियों के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा उनकी सुरक्षा व सुविधा के लिए मूलभूत ढांचा बना हुआ है और सिटी स्टेशन पर इस तरह का ढांचा बनाने में करोड़ों रुपये खर्च होंगे तथा बड़ी व महत्त्वपूर्ण गाड़ियों के अभाव में वह बना बनाया ढांचा भी बर्बाद हो जाएगा।

आज पास के हजारों लोगों का रोजी रोटी के लिए कारोबार भी बंद हो जाएगा। इसलिए उपरोक्त दोनों गाड़ियों को पहले की तरह भिवानी जंक्शन से संचालन जारी रखा जाना चाहिए अन्यथा बहुमत जनता के हित विपरीत रूप से प्रभावित होंगे। सिटी स्टेशन पर भी इन दोनों गाड़ियों दो लिन्ट के लिए ठहराव सुनिश्चित किया जाना चाहिए। ताकि सैक्टर 13 व 23 के निवासियों को भी कोई समस्या ना हो।

रिटायर्ड कर्मचारी संघ के राज्य महासचिव रतन कुमार जिंदल व जिला प्रधान नरेश कुमार शर्मा ने भी ज्ञापन देकर रेलवे महाप्रबंधक से मांग की है कि कोरोना काल से पहले वरिष्ठ नागरिकों, विकलागों व मान्यता प्राप्त पत्रकारों को टिकटों में जो छूट थी , उसे पहले की तरह लागू किया जाए । क्योंकि यह सुविधा कोरोनाकाल तक ही खत्म की गई थी। अब इसको लागू नहीं करने का कोई औचित्य नहीं बचा है।

आज के धरने में माकपा नेता सुखदेव पालवास, मास्टर शेरसिंह, रामफल देशवाल, सन्तोष देशवाल, चन्द्रभान नाहलिया, रतन कुमार जिंदल, सज्जन कुमार सिंगला, युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान, एडवोकेट सन्दीप भटेजा, पिछड़ा वर्ग नेता सुरेश प्रजापति, रिटायर्ड कर्मचारी नेता महेन्द्र तंवर, महेन्द्र सिंह मिताथल, किसान नेता प्रताप सिंह सिंहमार, धर्मबीर सिवाच, महाबीर फोजी, राजकुमार दलाल, महिला नेत्री बिमला घनघस, अनुराधा, मजदूर नेता भीमसिंह नवा, रमन व ईश्वर कोंट शामिल थे।