DGP का करप्शन पर ऑर्डर, तुरंत बर्खास्त होंगे रिश्वतखोर पुलिस कर्मी

 
DGP का करप्शन पर ऑर्डर, तुरंत बर्खास्त होंगे रिश्वतखोर पुलिस कर्मी

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह का करप्शन पर बड़ा बयान आया है। उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट कर लिखा है कि ठग और बदमाश, चाहें वो पुलिस में हों, या समाज में, पुलिस विभाग की स्पष्ट नीति है - क़ानून को जवाब दो। मैंने सारे एसपी/सीपी को कहा है कि जो रंगे हाथ पकड़े जाएं उनके लिए जांच बिठाने की ज़रूरत नहीं है।

संविधान के आर्टिकल 311(2) द्वारा प्रदत्त असाधारण शक्तियों का प्रयोग कर इन्हें नौकरी से बर्खास्त ही कर दें। पिछले दो महीने में जो भी रंगे हाथ धरे गए हैं, उनके साथ यही किया गया है। आगे भी ऐसा ही किया जाएगा। लास्ट में उन्होंने लिखा है कि जैसी करनी वैसी भरनी।

सूबे में भ्रष्टाचार का हाल यह है कि गिनती अब महीने-साल से नहीं बल्कि रोजाना कितने सरकारी कर्मचारी पकड़े गए इससे होने लगी है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वर्ष 2025 के आठ माह यानी 212 दिनों में 105 केस दर्ज कर 141 लोगों को रिश्वतखोरी के आरोप में दबोचा है। एसीबी के हत्थे चढ़ने वालों में 112 सरकारी अधिकारी व कर्मचारी और 29 निजी व्यक्ति शामिल हैं। सरकारी मुलाजिमों में प्रथम श्रेणी के अफसर से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारी शामिल हैं।

औसतन हर दो दिन में एक सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए दबोचा गया है। सरकारी महकमों में सबसे ज्यादा पुलिस विभाग में 33 और दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग में 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। रिश्वत के जाल में एक प्रथम श्रेणी अधिकारी, आठ द्वितीय श्रेणी अधिकारी, 95 तृतीय श्रेणी कर्मचारी और आठ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी फंसे हैं। भ्रष्टाचार की इस फेहरिस्त में ऊपर से नीचे तक सबका नाम है। पकड़े गए कुल 141 लोगों से कुल 85 लाख 33 हजार 900 रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई है।

ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, विभागवार सबसे आगे पुलिस विभाग है। विभाग के 33 कर्मचारी व अधिकारी (निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, मुख्य सिपाही और सिपाही) रेट तय करते पकड़े गए। दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग है जहां 17 कर्मचारी रिश्वतखोरी के चक्कर में धर लिए गए। स्वास्थ्य विभाग के सात, शहरी स्थानीय निकाय और खाद्य एवं उपभोक्ता मामले विभाग के चार-चार, बिजली विभाग के चार, आबकारी एवं कराधान तथा परिवहन विभाग के तीन-तीन कर्मचारी रिश्वतखोरी में बेनकाब हुए हैं।