संविधान की आत्मा और समानता के सिद्धांतों पर सीधा हमला एडीजीपी आत्महत्या मामला : पुरूषोत्तम दानव
भिवानी :
एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने हरियाणा प्रशासनिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में अब नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा संंधित सर्व कर्मचारी संघ ने बुधवार को भिवानी उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर इस घटना को संस्थागत हत्या करार देते हुए न्यायिक जांच और जातिगत भेदभाव पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
वही ज्ञापन सौंपने से पूर्व सफाई कर्मचारियों ने शहर में प्रदर्शन भी किया।
इसके साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने के आरोपी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के भिवानी इकाई प्रधान जयहिंद ने किया। इस मौके पर नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश सचिव पुरूषोत्तम दानव ने कहा कि आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मौत कोई साधारण आत्महत्या नहीं, बल्कि यह संस्थानों में गहरे पैठे जातिगत भेदभाव और उत्पीडऩ का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी के सुसाइड नोट और उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार द्वारा दर्ज शिकायत में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वाई. पूरन कुमार को जीवनकाल में लगातार जातिगत पूर्वाग्रहों और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा, जिसकी झलक उनके अंतिम नोट में साफ दिखती है। यह घटना प्रशासनिक संस्थाओं के भीतर फैले प्रणालीगत भेदभाव का एक भयावह उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की मृत्यु केवल एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि यह संविधान की आत्मा और समानता के सिद्धांतों पर सीधा हमला है।
सफाई कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में करवाई जाए, ताकि सत्य सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके। वही मृतक अधिकारी के सुसाइड नोट और उनकी पत्नी की शिकायत में जिन अधिकारियों के नाम आए हैं, उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने मांग की कि प्रदेश में पुलिस, प्रशासनिक और नागरिक सेवाओं में जातिगत भेदभाव समाप्त करने के लिए ठोस संस्थागत सुधार किए जाएं। उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि सरकार इस गंभीर मामले पर ठोस कार्रवाई नहीं करती, तो राज्यभर में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इस अवसर पर रमेश, शेर सिंह, प्रवीण, अमित, बाला, मनीषा, मालती सहित अन्य मौजूद रहे।

