भिवानी में प्रशासन-आढ़तियों का विवाद समाप्त 

 
भिवानी में प्रशासन-आढ़तियों का विवाद समाप्त 

भिवानी में सरसों की खरीद को लेकर प्रशासन व आढ़तियों के बीच चल रहा विवाद समाप्त हो गया है। फैसला हुआ है कि अब हैंडलिंग एजेंट के माध्यम से सरसों की खरीद न करके आढ़तियों व फर्म के माध्यम से फसल खरीदी जाएगी। शुरुआत में केंद्र सरकार द्वारा सरसों खरीद के लिए हैंडलिंग एजेंट बनाए गए थे। हैंडलिंग एजेंट बनाने के लिए 25 लाख रुपए, चेक व रजिस्ट्री की मांग की थी।

भिवानी में आढ़तियों ने 25 लाख रुपए देने से मना कर दिया और कहा कि वे बिना पैसे दिए हैंडलिंग एजेंट बनने को तैयार हैं। लेकिन सरकार ने उनकी नहीं मानी और आढ़तियों ने खरीद नहीं की। अब केंद्र सरकार की सरसों खरीद पूरी होने के बाद अब आढ़तियों या फर्म के माध्यम से खरीदी जाएगी। 

आढ़तियों या फर्म के नाम से काटे जा रहे गेटपास भिवानी मार्केट कमेटी सचिव अनिल कुमार सरसों की खरीद के पहले फेज में केंद्र सरकार की तरफ से एनसीसीएफ के माध्यम से खरीद की जा रही थी। इसके लिए सोसाइटी को आढ़ती बनाया गया था। अब उसका टारगेट पूरा हो चुका है। अब आढ़तियों या फर्म के नाम से ही गेटपास जारी किए जा रहे हैं।

शुरुआत में हैंडलिंग एजेंट बनाने में इश्यू आया था। लेकिन उसका समाधान हो गया था। अब आढ़ती या फर्म के नाम से ही जारी हो रहे हैं, तो कोई इश्यू नहीं हैं। अब मंडी में खरीद हरियाणा वेयरहाउस की तरफ से की जा रही है। दूसरे फेज में आढ़तियों के माध्यम से खरीद की जाएगी। सरकारी की पॉलिसी है कि जो कुल उत्पादन होता है, उसका 25 प्रतिशत केंद्र सरकार खरीदती है। जिसका नैफेड या एनसीसीएफ द्वारा पूरे प्रदेश में खरीद करवाई जाती है। 

2.26 लाख क्विंटल सरसों की आवक 15 मार्च से सरसों की खरीद जारी है। अभी तक कुल आवक 2 लाख 26 हजार क्विंटल हो चुकी है। जिसमें से 1 लाख 44 हजार क्विंटल की खरीद हो चुकी है। वहीं एक लाख क्विंटल का उठान भी हो चुका है। मौसम को देखते हुए अब सरसों लगभग सूखी हुई आ रही है। एकाध ढेरी होती है, उसे सुखा लिया जाता है।

गेहूं की आवक अभी शुरू हुई है। अभी तक 40 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हुई है। किसान गेहूं की फसल सुखाकर लाएं। जिससे आते ही गेहूं की खरीद हो जाए। ताकि मंडियों में सुखाने की किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो।

बता दें कि सरसों 5950 रुपए एमएसपी पर खरीद की जा रही है। गेहूं का एमएसपी 2425 रुपए निर्धारित है। सरसों के करीब 9 हजार गेटपास कटे हैं और गेहूं के 100 के करीब गेटपास कटे हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए जल्द-से-जल्द उठान किया जा रहा है।