गोवर्धन पर्व पर 56 भोग का दिव्य अन्नकूट प्रसाद
भिवानी।
श्रद्धा, सेवा और आध्यात्मिक परंपरा का संगम बने गोवर्धन पर्व पर बुवानीवाला परिवार जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा पीढिय़ों से चली आ रही 56 भोग अन्नकूट प्रसाद की परंपरा इस वर्ष भी बड़े उत्साह के साथ निभाई गई। ट्रस्ट द्वारा बीटीएम चौक स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान गोवर्धन की पूजा-अर्चना कर कढ़ी, सब्जी, बाजरा, ग्वार की फली, मालपुआ, पापड़, पूरी, बड़े सहित अन्नकूट के 56 प्रकार के व्यंजनों का प्रसाद तैयार किया गया और श्रद्धालुओं में वितरण किया गया।
कार्यक्रम में संत-महात्माओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक व व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों तथा विभिन्न समाजों के गणमान्य नागरिकों ने उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किया। उपस्थित जनों ने बुवानीवाला परिवार द्वारा धर्म और सेवा के इस समन्वय की प्रशंसा करते हुए कहा कि आधुनिक समय में ऐसी परंपराएं भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करती हैं और आने वाली पीढ़ी को सनातन मूल्यों से जोड़ती हैं।
इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने कहा कि गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत धारण करने की पौराणिक घटना से जुड़ी है। भगवान कृष्ण ने बृजवासियों को संदेश दिया कि प्रकृति ही सच्चा आराध्य है और गौ, अन्न तथा पर्यावरण का सम्मान ही ईश्वर सेवा का वास्तविक रूप है।
उन्होंने कहा कि इस पर्व का उद्देश्य केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं, बल्कि प्रकृति और जीवों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना भी है। उन्होंने बताया कि बुवानीवाला परिवार इसी भावना के साथ हर वर्ष 56 भोग का आयोजन करता है और समर्पण के साथ प्रसाद वितरण करता है। परिवार की युवा पीढ़ी से लेकर वरिष्ठजन तक सभी इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि भगवान कृष्ण की लीलाओं का संदेश स्पष्ट है कि उपासना का सर्वोच्च साधन सेवा है। भक्ति का सार समाजहित में निहित है और भक्त की प्रतिष्ठा उसी में है कि वह लोक-कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाए।
शहरवासियों ने कहा कि जब तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए लोग परंपराओं से दूर हो रहे हैं, ऐसे आयोजनों के माध्यम से संस्कृति और सेवा भाव फिर से समाज में स्थापित होता है।
यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और भारतीय जीवन दर्शन का प्रतीक है। इस अवसर पर इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी, प्रदीप गुलिया, ट्रस्ट के प्रधान राधेश्याम बुवानीवाला, डॉ. कर्ण पुनिया, डॉ. पवन गोयल, डॉ. एलबी गुप्ता, डॉ. वीके सरीन, डॉ. त्रिलोकी नाथ गुप्ता, अधिवक्ता शिवरत्न गुप्ता, अधिवक्ता आर.के. कटारिया, बजरंग बहलिया, प्रदीप रामपुरिया, राजेश सिवानीवाला, रामदेव तायल, संदीप तंवर, कांग्रेस सेवादल के प्रधान विरेन्द्र सिवाच, अश्वनी खनगवाल, प्रेम शर्मा, सम्पूर्ण सिंह, दीपक बंसल, बृजलाल सर्राफ, देवराज महता, धीरज अखरिया, मंदिर के पुजारी संजय शर्मा, महासचिव पदम बुवानीवाला, कोषाध्यक्ष सांवरमल गुप्ता, पवन बुवानीवाला, घनश्याम बुवानीवाला, सुशील बुवानीवाला, विश्वनाथ सुगला, मोहन बुवानीवाला, ललित बुवानीवाला, मीनू अग्रवाल, सुनील शास्त्री, पूर्व पार्षद शशी भूषण, कामरेड औमप्रकाश सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

