किसान आधुनिक मशीनों से करें फसल अवशेषों का प्रबंधन: डीसी 

 
 किसान आधुनिक मशीनों से करें फसल अवशेषों का प्रबंधन: डीसी 

भिवानी।

डीसी महावीर कौशिक ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा है कि वे गेहूं के साथ-साथ सरसों आदि किसी भी फसलों के अवशेषों को आग न लगाएं। वे आधुनिक यंत्रों से फसल अवशेषों का प्रबंधन करें। सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों पर सब्सिडी भी दी जा रही है। इसके अलावा फसल अवशेष प्रबंधन करने पर किसान को 1200 रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
वहीं दूसरी ओर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जिला में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियन्ता नसीब धनखड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि जागरूकता अभियान के लिए विभाग की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जो कि किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जागरूक कर रही हंै। किसानों को जानकारी दी जा रही है कि गेहूं फसल की कटाई व कढ़ाई कम्बाईन हार्वेस्टर से करते हैं, वो फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों का उपयोग कर फसल अवशेषों का मिट्टी मे मिलाएं ताकि मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढें और रासायनिक खादों का उपयोग कम हों। जिससे फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाए ना हो और हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहें।
खेत में सबसे पहले बिजली के ट्रांसफार्मर के आसपास करें फसल की कटाई
उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि रबी फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है। किसान फसलों की कटाई व कढ़ाई के लिए आधुनिक मशीनों का उपयोग कृषि यंत्र निर्माता कम्पनी द्वारा दी गई हिदायतों अनुसार ही सावधानी पूर्वक उपयोग करें ताकि मशीनों के उपयोग के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो। खेत में सबसे पहले बिजली के ट्रांसफार्मर के आसपास फसल की कटाई करें। फसल कटाई उपरान्त फसल को बिजली के तारों के आसपास इकट्ठा ना करें। फसलों की कढाई हेतु थ्रेसर का उपयोग करते समय किसान टाईट कपड़े पहने।
उन्होंने बताया कि धान की खेती छोडऩे वाले किसानों को अनुदान 8000 रूपए प्रति एकड़ दिया जाएगा। धान की सीधी बुवाई पर अनुदान राशि 4500 रूपए प्रति एकड़ दिया जाएगा। जो किसान धान की पराली का प्रबन्धन इन-सीटु अथवा एक्स-सीटु कृषि यन्त्रों की सहायता से करेगें, उनको प्रोत्साहन राशि के रूप में 1200 रूपए प्रति एकड़ दिए जाएंगे।