हरियाणा में फर्जी मार्कशीट से कराया एनरोलमेंट, नूंह के 11 छात्रों पर FIR 

 
हरियाणा में फर्जी मार्कशीट से कराया एनरोलमेंट, नूंह के 11 छात्रों पर FIR 

हरियाणा में 10वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट के आधार पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) भिवानी में एनरोलमेंट कराया गया। शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा 5 साल बाद कार्रवाई की गई है। नूंह में इस फर्जीवाड़े में लिप्त मिले 11 विद्यार्थियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। इनके अन्य राज्यों के शिक्षा बोर्ड से लिए गए प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। साथ ही अब कुछ निजी स्कूलों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

बोर्ड के तत्कालीन सचिव की ओर से पुलिस महानिदेशक (अपराध) पंचकूला को दी शिकायत में बताया था कि वर्ष 2020–21 में कोरोना काल के समय बेसिक, माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा में पहली बार कई कक्षाओं में छात्राओं को बगैर परीक्षा लिए अगली कक्षा में प्रोन्नति मिली। इसी का फायदा उठाते हुए प्रदेश के कुछ छात्रों द्वारा अन्य राज्यों के बोर्डों से दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र लेकर अप्रैल–2021 की परीक्षा में सम्मिलित हुए।

पात्रता संबंधित दस्तावेजों की जब जांच की गई तो पाया गया कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा के समकक्ष नहीं है। जो प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। प्रदेश के ऐसे कुल 92 स्कूल के 129 छात्रों ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर एनरोलमेंट कराया था।

नूंह के 11 छात्रों के खिलाफ पुलिस ने किया केस दर्ज

तत्कालीन बोर्ड सचिव कृष्ण की शिकायत के मुताबिक मोहम्मद साहिल ने इंदिरा गांधी बोर्ड ऑफ स्कूल दिल्ली से प्रमाण पत्र प्राप्त कर श्रेणी शिक्षा निकेतन स्कूल खेड़ला में एडमिशन लिया। सादिक ने उर्दू एजुकेशन बोर्ड नई दिल्ली से प्रमाण पत्र प्राप्त कर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फिरोजपुर झिरका में दाखिला कराया।

जाबिद, इमरान, औसामा बिलादेन और आकिफ हुसैन ने इंदिरा गांधी बोर्ड ऑफ़ हाई स्कूल इंटरमीडिएट सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन दिल्ली से फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त कर यासीनखान मेव सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एडमिशन लिया। गायत्री और शगुन परमार ने फर्जी झारखंड स्टेट बोर्ड रांची से प्रमाण पत्र हासिल कर तावडू के चंद्रावती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया। 

शिक्षा विभाग वर्ष 2020–21 में कोरोना काल के समय बिना परीक्षा दिए सभी छात्रों को पास कर दिया गया था। वहीं जब उक्त छात्रों की जांच की गई तो प्रदेश के ऐसे 129 छात्रों के रिजल्ट को रोक दिया गया। वहीं ऐसे स्कूलों पर भी एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। बोर्ड सचिव द्वारा कहा गया था कि कुछ संस्थाएं मोटा पैसा लेकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। जिनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।