हरियाणा CET नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती 

 
हरियाणा CET नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती 

हरियाणा सीईटी परीक्षा के एक अभ्यर्थी ने संयुक्त पात्रता परीक्षा यानी सीईटी (CET) के नियमों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में सरकार के साथ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) को भी नोटिस जारी किया गया है।

सरकारी नौकरी और भर्ती परीक्षा के इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला काफी अहम होने वाला है। दरअसल, यह याचिका कैथल निवासी नाबालिग अभ्यर्थी प्रभजीत सिंह ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसे सिर्फ इसलिए परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया, क्योंकि वह इस परीक्षा में बैठने के लिए निर्धारित आयु से 41 दिन कम था।

जबकि वह अन्य सभी जरूरी योग्यताएं पूरी करता है। प्रभजीत ने याचिका में कहा है कि उसने 2023 में दसवीं और 2025 में बारहवीं की परीक्षा पास की है। जिससे वह सीईटी परीक्षा के लिए जरूरी शैक्षणिक योग्यता (10+2) पूरी करता है।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 (संशोधित 2023) के अनुसार किसी भी सरकारी सेवा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष रखी गई है। सीईटी केवल एक पात्रता परीक्षा है और चयन की प्रक्रिया (मुख्य परीक्षा एवं नियुक्ति) जुलाई 2025 के बाद ही संभावित है।

इसलिए याचिकाकर्ता को आवेदन की अनुमति दी जानी चाहिए। क्योंकि वह नियुक्ति से पहले 18 वर्ष का हो जाएगा।

हरियाणा सरकार की ओर से 31 दिसंबर 2024 को जारी एचएसएससी सीईटी गाइडलाइन और 26 मई 2025 को जारी भर्ती विज्ञापन के तहत यह शर्त रखी गई है कि जिस आवेदक की उम्र निर्धारित न्यूनतम सीमा 18 वर्ष से कम है, वह आवेदन करने के लिए अयोग्य माना जाएगा।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि प्रभजीत की आयु आवेदन की अंतिम तिथि 12 जून 2025 को 17 वर्ष 10 महीने 20 दिन थी। यानी वह केवल 33 दिन कम है। ऐसे में उसे केवल उम्र की तकनीकी कमी के आधार पर परीक्षा में बैठने से रोकना न्यायोचित नहीं है। याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने हरियाणा सरकार व कर्मचारी चयन आयोग को 9 जून के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।