सांस्कृतिक सदन में सजा हरियाणा लघु फिल्म महोत्सव 

 
सांस्कृतिक सदन में सजा हरियाणा लघु फिल्म महोत्सव 

भिवानी :

रविवार को स्थानीय सांस्कृतिक सदन में सिनेमा और समाजसेवा का एक अनूठा संगम देखने को मिला। कोशिश एक पहल (एनजीओ) और हरियाणा नाट्य कला मंच के संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा लघु फिल्म महोत्सव-2025 का भव्य आयोजन किया गया।

इस महोत्सव में जहां एक ओर रूपहले पर्दे पर हरियाणवी संस्कृति की झलक दिखी, वहीं दूसरी ओर फिल्मों के माध्यम से समाज को नशा मुक्ति और कुरीतियों के खिलाफ जागरूक किया गया।

कार्यक्रम में निर्णायक मंडल में रोहतक से जर्नादन शर्मा, दिल्ली से निशा गोयल, व मुंबई से रमेश जुगलान रहे। इस मौके पर ओम म्यूजिक हरियाणा की फिल्म नशा एक जहर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

वही द्वितीय गुल्लू हैंडसम छोरा की फिल्म दो जिंदगिया तथा तृतीय स्थान पर स्वादू स्टाफ केपी पंडित की फिल्म नशा एक व्यापार रही।
     महोत्सव के दौरान कुल 9 हरियाणवी लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। इन फिल्मों की पटकथा मुख्य रूप से सामाजिक सरोकारों पर आधारित थी।

फिल्म निर्माताओं ने अपनी कला के जरिये न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि नशा सहित विभिन्न सामाजिक बुराईयों से दूर रहने का कड़ा संदेश भी दिया। फिल्मों के मंचन ने दर्शकों को भावुक करने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर कर दिया।
     कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीएसपी महेश कुमार ने शिरकत की। इसके अलावा, विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी मनोज और इंदु परमार उपस्थित रहे।

उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और आयोजकों के इस प्रयास की सराहना की। महोत्सव को लेकर पूरे हरियाणा के कलाकारों और फिल्म निर्माताओं में भारी उत्साह देखने को मिला।
     एचआर मंच के निदेशक अंकुश शर्मा व हरियाणा नाट्यकला मंच के कोषाध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाना है।

उन्होंने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने और अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आज प्रदेश के कोने-कोने से कलाकार भिवानी पहुंचे हैं। इस प्रकार के मंच ना केवल अनुभवी कलाकारों के लिए, बल्कि उभरते हुए फिल्म निर्माताओं के लिए भी अपनी प्रतिभा दिखाने का एक सुनहरा अवसर होते हैं।
    इस मौके पर मुख्य अतिथि डीएसपी महेश कुमार ने कहा कि सिनेमा समाज का दर्पण होता है और इसका प्रभाव युवाओं पर गहरा पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज दिखाई गई फिल्मों ने नशा मुक्ति का जो संदेश दिया है, वह सराहनीय है। युवाओं को चाहिए कि वे नशे जैसी बुराईयों से दूर रहकर अपनी ऊर्जा को कला और राष्ट्र निर्माण में लगाएं।