हरियाणा ग्रुप-सी CET पर HC में आज सुनवाई 

 
हरियाणा ग्रुप-सी CET पर HC में आज सुनवाई 

हरियाणा ग्रुप सी का कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) 2025 रजिस्ट्रेशन पोर्टल दोबारा चालू करवाने, पहले से रजिस्टर्ड अभ्यर्थियों को अपने डेटा को दुरुस्त करने के लिए करेक्शन करने का मौका देने और एक ही शिफ्ट में सीईटी कराने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। जस्टिस विनोद एस भारद्वाज की खंडपीठ में इसकी सुनवाई होगी।

शीतल, निशा, राखी, नैसी, सुषमा और तन्नु ने यह याचिका दायर की है। इन 6 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आग्रह किया है कि हरियाणा ग्रुप-सी के CET रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल दोबारा चालू किया जाए। साथ ही जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कर लिया है, उन्हें ठीक करने के लिए भी समय दिया जाए।

बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने यह एग्जाम जुलाई में कराने की तैयारी की है। इसके लिए 13 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है। यदि हाईकोर्ट इन याचिकाओं को सुनवाई करते हुए कोई फैसला लेता है तो एग्जाम में देरी हो सकती है।

हरियाणा ग्रुप सी का कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) 2025 रजिस्ट्रेशन पोर्टल दोबारा चालू करवाने, पहले से रजिस्टर्ड अभ्यर्थियों को अपने डेटा को दुरुस्त करने के लिए करेक्शन करने का मौका देने और एक ही शिफ्ट में सीईटी कराने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी। जस्टिस विनोद एस भारद्वाज की खंडपीठ में इसकी सुनवाई होगी।

शीतल, निशा, राखी, नैसी, सुषमा और तन्नु ने यह याचिका दायर की है। इन 6 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आग्रह किया है कि हरियाणा ग्रुप-सी के CET रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल दोबारा चालू किया जाए। साथ ही जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कर लिया है, उन्हें ठीक करने के लिए भी समय दिया जाए।

बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने यह एग्जाम जुलाई में कराने की तैयारी की है। इसके लिए 13 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है। यदि हाईकोर्ट इन याचिकाओं को सुनवाई करते हुए कोई फैसला लेता है तो एग्जाम में देरी हो सकती है।

1. सरल पोर्टल पर नहीं बन पाए सर्टिफिकेट

याचिकाकर्ता शीतल, निशा और नैंसी ने कहा है कि वे अन्य अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से संबंध रखती हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने नवीनतम सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कहा था। इसके लिए सरल पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन यह सर्टिफिकेट समय पर नहीं बन पाया। इसलिए, उन्हें जनरल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करना पड़ा।

याचिका में मांग की गई है कि उन्हें आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पंजीकरण में सुधार हो। याचिका में यह भी हवाला दिया गया है कि इस बार पंजीकरण के लिए केवल 15 दिन का समय दिया गया। जबकि, 2022 में एक साल से ज्यादा समय तक पंजीकरण होता रहा था।

2. OTP लेट आता था

एक याचिकाकर्ता तन्नु ने कहा कि जब वह पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर रही थी, तो बार-बार वन टाइम पासवर्ड (OTP) लेट आता था। इस कारण वह रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाई। याचिका में कहा गया कि ओटीपी लेट आने के कारण जो युवा पंजीकरण नहीं कर सके, वे तभी पंजीकरण कर सकते हैं जब पोर्टल दोबारा खुले। इसलिए, नए पंजीकरण के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाए।

3. नॉर्मलाइजेशन लागू ना किया जाए

एक और याचिकाकर्ता ने नॉर्मलाइजेशन का भी हवाला दिया। इसके अनुसार, एक से ज्यादा शिफ्टों में एग्जाम होगा और नॉर्मलाइजेशन किया जाएगा। सभी शिफ्टों में एक समान प्रश्न नहीं आ सकते। याचिकाकर्ता ने मांग की कि जैसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल साइंस मामले में नेशनल बोर्ड ने एक ही शिफ्ट में पेपर कराया है, उसी तरह CET का पेपर भी एक ही शिफ्ट में किया जाए।

याचिका में आग्रह किया गया है कि HSSC को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट चरणजीत सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि याचिका दायर हो गई है और अब इसकी सुनवाई रेगुलर बेंच के सामने होगी।

4. रिजर्वेशन का लाभ जब रजिस्ट्रेशन में करेक्शन हो

याचिका में मांग की गई है कि उन्हें आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पंजीकरण में सुधार हो। जो पंजीकरण नहीं कर सके, वे तभी पंजीकरण कर सकते हैं जब पोर्टल दोबारा खुले। इसलिए करेक्शन करने और नए पंजीकरण के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाए। याचिका में आग्रह किया है कि इस बार पंजीकरण के लिए 15 दिन का समय दिया गया, जबकि 2022 में एक साल समय तक रजिस्ट्रेशन होता रहा था। इसके अलावा याचिका में मांग की गई है कि ग्रुप सी एग्जाम का पेपर एक ही शिफ्ट में होना चाहिए।

1. सरल पोर्टल पर नहीं बन पाए सर्टिफिकेट

याचिकाकर्ता शीतल, निशा और नैंसी ने कहा है कि वे अन्य अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से संबंध रखती हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने नवीनतम सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कहा था। इसके लिए सरल पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन यह सर्टिफिकेट समय पर नहीं बन पाया। इसलिए, उन्हें जनरल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करना पड़ा।

याचिका में मांग की गई है कि उन्हें आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पंजीकरण में सुधार हो। याचिका में यह भी हवाला दिया गया है कि इस बार पंजीकरण के लिए केवल 15 दिन का समय दिया गया। जबकि, 2022 में एक साल से ज्यादा समय तक पंजीकरण होता रहा था।

2. OTP लेट आता था

एक याचिकाकर्ता तन्नु ने कहा कि जब वह पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर रही थी, तो बार-बार वन टाइम पासवर्ड (OTP) लेट आता था। इस कारण वह रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाई। याचिका में कहा गया कि ओटीपी लेट आने के कारण जो युवा पंजीकरण नहीं कर सके, वे तभी पंजीकरण कर सकते हैं जब पोर्टल दोबारा खुले। इसलिए, नए पंजीकरण के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाए।

3. नॉर्मलाइजेशन लागू ना किया जाए

एक और याचिकाकर्ता ने नॉर्मलाइजेशन का भी हवाला दिया। इसके अनुसार, एक से ज्यादा शिफ्टों में एग्जाम होगा और नॉर्मलाइजेशन किया जाएगा। सभी शिफ्टों में एक समान प्रश्न नहीं आ सकते। याचिकाकर्ता ने मांग की कि जैसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल साइंस मामले में नेशनल बोर्ड ने एक ही शिफ्ट में पेपर कराया है, उसी तरह CET का पेपर भी एक ही शिफ्ट में किया जाए।

याचिका में आग्रह किया गया है कि HSSC को इस संबंध में निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट चरणजीत सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि याचिका दायर हो गई है और अब इसकी सुनवाई रेगुलर बेंच के सामने होगी।

4. रिजर्वेशन का लाभ जब रजिस्ट्रेशन में करेक्शन हो

याचिका में मांग की गई है कि उन्हें आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पंजीकरण में सुधार हो। जो पंजीकरण नहीं कर सके, वे तभी पंजीकरण कर सकते हैं जब पोर्टल दोबारा खुले। इसलिए करेक्शन करने और नए पंजीकरण के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाए। याचिका में आग्रह किया है कि इस बार पंजीकरण के लिए 15 दिन का समय दिया गया, जबकि 2022 में एक साल समय तक रजिस्ट्रेशन होता रहा था। इसके अलावा याचिका में मांग की गई है कि ग्रुप सी एग्जाम का पेपर एक ही शिफ्ट में होना चाहिए।