गांव हालुवास में प्रशासन ने तोड़े ग्रामीणों के मकान, माकपा ने ग्रामीणों संग जताया रोष

भिवानी :
माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी जिला कमेटी ने गांव हालुवास में जिला प्रशासन द्वारा एक तरफा तौर पर गरीबों को बिना समय दिए मकान व चबूतरे तोडऩे की कार्रवाई की घोर निंदा की है तथा राज्य सरकार से मांग की है कि इस मामले में एसडीएम भिवानी के निर्णय की उपायुक्त द्वारा समीक्षा की जाए तथा अपना पक्ष रखने के लिए गरीबों को समय दिया जाए।
इस दौरान ग्रामीणों ने रोष भी जताया।
गांव हालुवास में सीपीआईएम के जिला सचिव कामरेड ओमप्रकाश पहुंचे तथा उन्होंने ग्रामीणों बात की तो ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1971 में हरियाणा सरकार ने उनको रिहायशी प्लाट दिए थे और उनकी मल्कियत हेतु एक कापी दी थी। वर्ष 2022-23 में गांव के किसी व्यक्ति ने जिला प्रशासन को शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने गांव की शामलात भूमि पर नाजायज कब्जा किया हुआ है तो एसडीएम आफिस ने प्रभावित लोगों से पूरी जानकरी नही ली और मनमाने ढंग से फैसला दे दिया कि इन अवैध कब्जों को हटाया जाए।
ग्रामीणों ने उस एक तरफा निर्णय के विरूद्ध जिला उपायुक्त कोर्ट में याचिका डाली थी, परंतु उसकी सुनवाई किए बगैर एक तरफा तौर पर प्रशासन गांव में जेसीबी मशीन लेकर भारी पुलिस बल के साथ गांव मे पहुंचकर गरीबों के मकानों की दीवार व चबूतरे गिरा दिए जो बहुत ही निंदनीय है।
कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि गरीबों को अपना पक्ष रखने का समय देना चाहिए था तथा उनके पास प्लाट मालिकाना पासबुक दे रखी थी, उसका प्रशासन द्वारा अवलोकन करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ये गरीब लोग अपनी समस्या को लेकर यहां सत्ताधारी पार्टी के सासदों, विधायकों व मंत्री के पास भी गए, परंतु किसी ने भी इनकी सुनवाई नहीं की।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार गरीबों को उजाडऩे में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को रोजगार देने, मंहगाई कम करने, महिला सुरक्षा करने की बजाए उनके घर तुड़वा रही है, ये ही भाजपा का असली चाल, चरित्र व चेहरा है। उन्होंने जिला प्रशासन व राज्य सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार करने की मांग की है। इस अवसर पर गरीब बस्ती से कई लोग उपस्थित थे।