IPS सुसाइड : सड़क पर उतरे विभिन्न संगठन
भिवानी में शनिवार को विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले को एससी-एसटी धाराओं के तहत गिरफ्तार की मांग की।
इसके साथ IPS वाई. पूरन कुमार सुसाइड केस में उच्च स्तरीय जांच व दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन में किसान सभा, दलित अधिकार मंच, सीटू व जनवादी महिला समिति भिवानी ने IPS सुसाइड को संस्थागत हत्या करार दिया। इसके लिए संस्थानों व समाज में निरंतर जारी जातिगत भेदभाव व उत्पीड़न को जिम्मेदार उठाया।
प्रदर्शन में किसान सभा, दलित अधिकार मंच, सीटू व जनवादी महिला समिति भिवानी ने IPS सुसाइड को संस्थागत हत्या करार दिया। इसके लिए संस्थानों व समाज में निरंतर जारी जातिगत भेदभाव व उत्पीड़न को जिम्मेदार उठाया। माकपा से कामरेड ओमप्रकाश, कांग्रेस से दीपेश सारसर शिवकुमार चांगिया व राजेंद्र कालुवास ने कहा कि IPS वाई पूरन कुमार की मौत के हालात की त्वरित निष्पक्ष जांच करके सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उनके परिवार को समुचित सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।
अधिकारी द्वारा लिखे गए अंतिम नोट में हालात और घटनाक्रम का जो विवरण सामने आया हैं। वह स्तब्ध करने वाला है तथा जातिगत पूर्वाग्रह में निहित उत्पीड़न, अपमान और भेदभाव के एक पैटर्न की ओर इशारा करता है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही खेदजनक है कि जातिगत पूर्वाग्रह और उत्पीड़न को उजागर करने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपनी जान की कीमत देनी पड़ी है। उनके द्वारा सरकारी ढांचे में मौजूद तत्कालीन गृहमंत्री समेत सभी स्तरों पर इस भेदभाव और उत्पीड़न के खिलाफ लिखित शिकायतें करने के बावजूद उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली थी।

