कौशल भारद्वाज पंडित गोपाल कृष्ण सम्मान से नवाजे गए 

 
कौशल भारद्वाज पंडित गोपाल कृष्ण सम्मान से नवाजे गए 

भिवानी।

भिवानी के मशहूर रंगकर्मी एवं असंख्य युवाओ को अभिनय की बारीकियां सिखाने वाले कौशल भारद्वाज को रंगकर्म और कला क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए पंडित गोपाल कृष्ण सम्मान से नवाजा गया।

यह सम्मान भिवानी परिवार मैत्री संघ की ओर से सात दिसंबर को दिल्ली के इस्कॉन मंदिर, रोहिणी सेक्टर 25 के ऑडिटोरियम में आयोजित भिवानी गौरव अवार्ड के तहत दिया गया।

इस कार्यक्रम में कौशल भारद्वाज के अलावा सांसद धर्मबीर सिंह ,कीर्ति चक्र विजेता कर्नल जोगिंदर सिंह, शिक्षाविद् डॉ. एसके सिन्हा और विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले नौ प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।

उत्तर भारत की अग्रणी नाट्य संस्था मेघदूत थिएटर ग्रुप के कोषाध्यक्ष कौशल भारद्वाज को पंडित गोपाल कृष्ण सम्मान मिलने से मेघदूत थिएटर ग्रुप में हर्ष की लहर दौड़ गई।ग्रुप के अध्यक्ष मशहूर अभिनेता राजू पंडित और सचिव डा हरिकेश पंघाल ने बताया कि बीपीएमएस ने कौशल भारद्वाज को पंडित गोपाल कृष्ण सम्मान के लिए चयनित कर हरियाणा प्रदेश के समस्त रंगकर्मियों का सम्मान किया है।

डा पंघाल ने कहा कि कौशल भारद्वाज एक प्रतिष्ठित रंगकर्मी हैं, जिनके पास अभिनय, निर्देशन, मार्गदर्शन और मंचीय प्रस्तुतियों के आयोजन का 40 वर्षों से अधिक का अनुभव है।

उन्होंने सांस्कृतिक समृद्धि और युवा रंगमंच शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान दिया है।उन्होंने बताया कि कौशल भारद्वाज की प्रमुख मुख्य दक्षताएँ रंगमंचीय प्रस्तुति एवं निर्देशन, हरियाणा के महाविद्यालयों में रंगमंच प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन, मंच एवं नुक्कड़ नाटक प्रस्तुतियाँ, युवा उत्सव नेतृत्व, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रबंधन, हिंदी एवं हरियाणवी नाट्य साहित्य, फिल्म/ओटीटी मंचों के साथ सहयोगी रंगमंच एवं जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करना है।

उन्होंने कहा कि कौशल भारद्वाज जी स्वयं में अभिनय की जीती जागती पाठशाला हैं जहाँ शिक्षा पाकर अनेकों युवाओं ने अभिनय जगत में नाम कमाया है।राजू पंडित ने बताया की 1985 में कौशल भारद्वाज ने मेघदूत थिएटर ग्रुप की आधारशिला रखी थी तब से लेकर आज तक महदूत थिएटर ग्रुप अनेकों नाट्य प्रस्तुतियाँ दे चुका है।

मेघदूत थिएटर ग्रुप के तहत कौशल भारद्वाज द्वारा नाटक बाबू जी ठीक कहते थे की कुल 60 शो देश के अलग अलग मंचों पर हो चुके हैं।राजू पंडित ने बताया की कौशल भारद्वाज द्वारा निर्देशित नाटक राष्ट्रीय स्तर तक पुरस्कार जीत चुके हैं।कौशल भारद्वाज ने स्वयं को मिले पंडित गोपाल कृष्ण सम्मान को अपने गुरु कुंज बिहारी शर्मा,वीरेंद्र भार्गव सहित समस्त साथी रंगकर्मियों को समर्पित किया है।

उन्होंने इस अवसर पर अपने माता पिता को स्मरण करते हुए अपने परिवार को अपनी ताकत बताया।स्वयं को मिले सामनान के लिए उन्होंने प्रसिद्ध कवि राजेश चेतन सहित भिवानी परिवार मैत्री संघ के समस्त पदाधिकारियों का आभार प्रकट किया। उल्लेखनीय है कि एक निर्देशक के रूप में कौशल भारद्वाज के उल्लेखनीय नाटकों में हयवदन, बलि : द सैक्रिफाइस, बाबू जी ठीक कहते थे – संक्रमण, घासीराम कोतवाल, सैंया भये कोतवाल, पोस्टर, टोबा टेक सिंह, शुतुरमुर्ग, मोटेराम का सत्याग्रह, एक था गधा उर्फ अल्लादाद खान, भगवदज्जुकम्, कुमार स्वामी, डायन, कथा एक कंस की, दुलारी बाई, जिस लाहौर नहीं वेख्या, ओ जम्या ही नहीं, बंद अंधेरों में और लाल होंठ पीले चेहरे शामिल हैं।