भिवानी में मंत्री श्रुति के आवास का घेराव
हरियाणा गर्वमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ ने शनिवार को अपनी मांगों को लेकर भिवानी में प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी के आवास का घेराव किया। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि जल्द से जल्द मांगों को पूरा किया जाए।
हरियाणा गर्वमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान गंगाराम गौण व महासचिव जरनैल सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग के 2003 में स्वीकृत 19 हजार 682 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 12 हजार 284 पदों को रखा जा रहा। 7398 पदों की कटौती की जा रही है। जिसे कर्मचारी सहन नहीं करेंगे।
उन्होंने रेशनेलाइजेशन के नाम पर हरियाणा प्रदेश के तीन विभागों सिंचाई विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग व पीडब्ल्यूडी विभाग के लगभग 35 हजार कर्मचारियों के पद कम किए जाने के विरोध में प्रदेश भर से जुड़े तीनों विभागों के कर्मचारियों ने लामबंद प्रदर्शन किया।
भिवानी के विजय नगर स्थित सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी के आवास का घेराव किया। कर्मचारी नेताओं ने नारेबाजी करते हुए जून महीने में सरकार द्वारा लिए इस फैसले को वापिस लेने की मांग की। राज्य सरकार को चेताया कि यदि उनके फैसले को नहीं माना गया तो वे भविष्य में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
हरियाणा प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सिंचाई, जनस्वास्थ्य व पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारियों ने सिंचाई मंत्री आवास के घेराव में हिस्सा लिया। राज्य सरकार एक तरफ तो जनसुविधाओं के बढ़ावा देने की बात कहती है, वही दूसरी तरफ तीन विभागों के 35 हजार के लगभग पदों को समाप्त करने जा रही है। जिनमें 24 हजार के करीब पद स्थायी है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि रेशनेलाइजेशन के नाम पर ग्रुप सी व डी के कर्मचारियों के पदों को समाप्त कर तीनों विभागों को सिकोड़ने का प्रयास सहन नहीं किया जाएगा। सिंचाई विभाग, कैनाल गार्ड, मैट आदि पदों के कर्मचारियों को योग्यता अनुसार तृतीय श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जा रहा। समय के साथ जनसंख्या में बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में पदों को बढ़ाया जाना चाहिए, ना कि घटाया जाना।
उन्होंने कहा कि कच्चे कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाकर राज्य सरकार नियमतिकरण करें, ताकि सभी को सेवा-सुरक्षा के दायरे में लाकर कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सकें। कर्मचारी नेताओं ने चेताया कि यदि उनकी मांग नहीं मानी तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन होंगे।

