नायब तहसीलदार के पुत्र ने बिना दहेज शादी कर समाज के समक्ष पेश की अनूठी मिसाल 

 
नायब तहसीलदार के पुत्र ने बिना दहेज शादी कर समाज के समक्ष पेश की अनूठी मिसाल 

भिवानी :

दहेज जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ एक साहसिक कदम उठाते हुए स्थानीय विद्या नगर निवासी नायब तहसीलदार सुरेश संभ्रवाल व उषा रानी के पुत्र एडीए सुधांशु संभ्रवाल और प्रियंका ने बिना दहेज शादी कर समाज के सामने एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। यह विवाह नई दिल्ली में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार सादगीपूर्वक संपन्न हुआ।

जहां आज भी कई जगहों पर दहेज को विवाह का अनिवार्य हिस्सा माना जाता है, वही भिवानी के सुधांशु संभ्रवाल ने यह साबित कर दिया कि सच्चा रिश्ता आपसी समझ, सम्मान और प्रेम से बनता है, न कि पैसे या उपहारों से।

जानकारी के अनुसार स्थानीय विद्या नगर निवासी नायब तहसीलदार सुरेश संभ्रवाल के पुत्र सुधांशु संभ्रवाल का विवाह नई दिल्ली के नजफगढ़ निवासी चंद्रभान व ब्रह्मा देवी की पुत्री पीजीटी अध्यापिका प्रियंका से तय हुआ था।

इस दौरान दहेज को ठुकराते हुए तथा समाज की रस्मों को पूरा करते हुए सुधांशु ने एक रूपयो व नारियल के साथ तिलक करवाया, जिसकी पूरे समाज ने प्रशंसा की। सुधांशु ने कहा कि उनका मकसद एक खुशहाल जीवन शुरू करना है, न कि किसी पर बोझ बनना। उन्होंने कहा कि दहेज लेना न सिर्फ गलत है, बल्कि यह महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है।

सुधांशु के पिता नायब तहसीलदार सुरेश संभ्रवाल ने कहा कि यह पूरे समाज के लिए एक सशक्त संदेश भी है कि बदलाव की शुरुआत हम खुद से करें। जब एक-एक कदम आगे बढ़ेगा, तभी समाज बदलेगा। उन्होंने कहा कि दहेज समाज की तरक्की के लिए अभिशाप है। इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है और कई युवा इसे एक नई शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं।

समाज के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक ने इस निर्णय की सराहना की और कहा कि अगर ऐसे कदम उठते रहें, तो दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा जल्द ही समाप्त हो सकती है।