New Delhi: दिल्ली को मिलेगा अब जाम से छुटकारा, जाने सरकार का पूरा प्लान ?
New Delhi: दिल्ली वासियों और यात्रियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली से अब बहुत जल्द जाम खत्म होने वाला है। जिसको लेकर ये नई जानकारी सामने आई है। दिल्ली में टोल बूथ और ECC की वसूली दोबारा चर्चा में आ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस व्यवस्था पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दिल्ली सरकार से इसे हटाने की सिफारिश की है। इस मुद्दे को लेकर अब NHAI सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
केवल 13 टोल बूथों पर ही
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की सीमा पर एमसीडी ने व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूलने के लिए 156 टोल बूथ बनाए हैं। इनमें से केवल 13 टोल बूथों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन की सुविधा है। इसी तरह वाहनों में लदे माल के लिए ECC वसूलने में भी दिक्कतें आती हैं।
टोल राजस्व
मिली जानकारी के अनुसार, इन टोल बूथों से औसतन 1.10 लाख व्यावसायिक वाहन प्रतिदिन दिल्ली में प्रवेश करते हैं। इसमें से करीब 70 हजार टैक्सी और कैब हैं। दिल्ली नगर निगम को व्यावसायिक वाहनों से सालाना करीब 864 करोड़ रुपये टोल राजस्व मिलता है।
कोर्ट जाएगा
जानकारी के मुताबिक, ECC रोकने के लिए NHAI सुप्रीम कोर्ट जाएगा उन्होंने कहा कि ECC रोकने के लिए NHAI सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश के अनुसार ECC वाहन द्वारा ले जाए जाने वाले सामान से वसूला जाता है। यहीं पर संशोधन की मांग की जाएगी।
बनी सहमति
मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने भी समस्या के समाधान पर सहमति जताई। इसी तरह निगम राजस्व के नुकसान को लेकर चिंतित है। कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली सरकार और नगर निगम मिलकर इसका कोई विकल्प तलाशेंगे।
लग जाता है बड़ा जाम
जानकारी के मुताबिक, टोल वसूली के कारण लगने वाले जाम की इस व्यवस्था पर गडकरी ने सवाल उठाए। बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ बैठक में गडकरी ने कहा कि टोल वाहन चालकों और यात्रियों के उत्पीड़न का कारण है।
लोगों का कीमती समय बर्बाद हो रहा
मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था यात्रियों को भ्रमित कर रही है। लोगों का कीमती समय बर्बाद हो रहा है। सड़कों पर बहुत अधिक लोग हैं।
जानकारी के मुताबिक, अलग होने से निगम को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए रियल एस्टेट विकास और वाहन के लिए थोड़ा अतिरिक्त शुल्क वसूलने समेत अन्य विकल्प तलाशने को कहा गया।

