New Rule: किराए पर मकान देने वालों की मौज, 1 अप्रैल से नया नियम हुआ लागू

 
किराए पर मकान देने वालों की मौज, 1 अप्रैल से नया नियम हुआ लागू

Govt New Rule: केंद्र सरकार ने किराए पर दी गई संपत्ति से अर्जित इनकम पर टैक्स कटौती की सीमा को मौजूदा 2.4 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया है। यह नया नियम नए फाइनेंशियल ईयर के पहले दिन यानि 1 अप्रैल से लागू हुआ।

वित्त वर्ष 2025- 26 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए पर स्त्रोत पर कर कटौती (TDS) की वार्षिक सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी। इससे TDS के लिए उत्तरदायी लेनदेन की संख्या कम हो जाएगी और छोटे भुगतान लेने वाले करदाताओं को लाभ होगा।  

इन व्यक्तियों पर भी लागू होगा प्रावधान

आयकर अधिनियम की धारा 194- I के मुताबिक, किराए के तौर पर निवासी को कोई भी राशि देते समय लागू दरों पर आयकर उस वक्त काटना चाहिए, जब किराए की आय एक वित्त वर्ष में 2.4 लाख रूपए से ज्यादा हो। 

हालांकि, बजट 2025- 26 में किराए के रूप में आय की इस कर कटौती सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रूपए प्रति माह करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रावधान करदाता या अविभाजित हिंदू परिवार के अलावा अन्य व्यक्तियों पर भी लागू होगा।

छोटे करदाताओं और मकान मालिकों को होगा लाभ

आसान शब्दों में समझें, तो यदि जमीन या मशीनरी को कुछ महीनों के लिए किराए पर लिया जाता है और किराया 50 हजार रूपए से ज्यादा हैं, तो फिर TDS कटौती अनिवार्य होगी। 

किराए पर वार्षिक TDS सीमा को 6 लाख रूपए किए जाने से छोटे करदाताओं और मकान मालिकों को बड़े स्तर पर लाभ पहुंचेगा और अनुपालन बोझ भी कम होगा।