आंखों पर काली पट्टी बांधकर सडक़ों पर उतरे एनएसयूआई कार्यकर्ता
भिवानी :
रायबरेली में अनुसूचित जाति वर्ग की कथित मॉब-लिंचिंग और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना के विरोध में एनएसयूआई ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया।
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष मंजीत लंगायन के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल के भिवानी कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक जमावड़ा किया। कार्यकर्ताओं ने इन दोनों घृणास्पद घटनाओं को लोकतंत्र, न्यायपालिका और संविधान पर सीधा हमला करार दिया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने अपने आंखों पर काली पट्टी बांधकर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष मौन प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने रायबरेली के युवक हरिओम की हत्या की तुरंत, निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच, सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई पर हुए हमले की तेज़ और पारदर्शी जांच और दोषियों को सख्त सजा, सुरक्षा हेतु केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ठोस नीति लाए जाने, पीडि़त परिवार को मुआवज़ा, सुरक्षा और सम्मानपूर्वक न्याय देने की मांग की।
एनएसयूआई ने रायबरेली में अनुसूचित जाति के युवक हरिओम की निर्मम हत्या को लेकर भाजपा सरकार पर सीधा आरोप लगाया। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष मनजीत लांग्यान ने कहा कि हरिओम की हत्या कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की विचारधारात्मक नफरत और जातिगत राजनीति का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि आज देश में जो भी गरीब, दलित या संविधान की बात करता है, उसे दबाया या मिटाया जा रहा है। उन्होंने भाजपा की सबका साथ-सबका विकास की बात को खोखला बताते हुए कहा कि सरकार असल में दलितों और आम जनता की आवाज को कुचलने का काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नफरत और बदले की राजनीति ने उसे मौत के घाट उतरवा दिया।
वही एनएसयूआई जिला अध्यक्ष मनजीत लांग्यान ने सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई बीआर गवई पर हुए हमले को एनएसयूआई ने न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव और भय का प्रतीक बताया। उनके अनुसार यह हमला न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा कि सत्ता के खिलाफ बोलने वाले या संविधान की रक्षा करने वाले किसी भी व्यक्ति को बदनाम करने, डराने या चुप कराने की कोशिश की जा रही है।
एनएसयूआई ने मांग की है कि न्यायालय की गरिमा की रक्षा हो और ऐसी घटनाओं के पीछे के राजनीतिक हाथों को भी उजागर किया जाए। एनएसयूआई जिला अध्यक्ष मंजीत लंगायन ने चेतावनी दी है कि यदि भाजपा सरकार ने त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की, तो छात्र-युवा सडक़ों पर उतरकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को और प्रबल करेंगे।

