शिक्षा बोर्ड में डिजिटल सुधार के नाम पर सरकारी पैसे की खुली लूट
भिवानी,हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में डिजिटल सुधार के नाम पर सरकारी पैसे की खुली लूट का मामला सामने आया है। दसवीं व 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं की ऑन स्क्रीन मार्किंग कर बोर्ड की लगभग 70 लाख का नुकसान पहुंचाया गया है। इस पर मामले की जांच विजिलेंस के हवाले करने का फैसला लिया है ।
आपको बता दे कि वर्ष 2024 में बोर्ड ने 10वीं 12वीं के करीब एक लाख उत्तर पुस्तिकाओं की ऑनलाइन मार्किंग करवाई थी। इसके लिए एक निजी कंपनी को 70 लाख रुपये ₹70 प्रति उत्तर पुस्तिका की दर से भुगतान किया गया। जबकि मैन्युअल जांच पर एक उत्तर पुस्तिका का 15 रुपए का ख़र्च आता है। सवाल यह है कि सस्ती और स्थापित व्यवस्था मौजूद थी,तो महंगी होम स्क्रीन मार्किंग क्यों करवाई गई। सीधे सीधे इस कंपनी को फायदा ओर सरकार खजाने को भारी नुकसान हुआ है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया निदेशक मंडल की बैठक में ऑन स्क्रीन मार्किंग को गलत फहराया गया है। विजिलेंस इस पूरे मामले की जांच करेगी।
70 लाख का नुकसान बोर्ड को हुआ है। जब पेपर की चेकिंग मैनुअल के जरिए ₹15 खर्चे में की जा जाती थी । तो ऑन स्क्रीन मार्किंग के जरिए 70 लाख रुपए बोर्ड को क्यों नुकसान पहुंचाया गया। स्कॉच अवार्ड मुख्यमंत्री या राष्ट्रपति दे सकते है। इसके अलावा कोई देगा तो इसका कोई फायदा नहीं होता है। इस अवॉर्ड को देने में 12 लाख रुपए का बेवजह खर्च किया गया है। इसकी की भी जांच विजिलेंस कर रही है।
कुल मिलाकर बोर्ड को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन चेयरमैन ने अपने फायदे के लिए बोर्ड के खजाने में भारी लूट की है। अब देखने ये होगा कि विजिलेंस की जांच कब पूरी होती है। ओर इसके अलावा क्या निकलकर सामने आता है। फिलहाल तत्कालीन चेयरमैन पर कई सवाल खड़े होते है।

