तिगड़ाना को हांसी में शामिल करने का विरोध,उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन 

 
तिगड़ाना को हांसी में शामिल करने का विरोध,उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन 

भिवानी:

भिवानी जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर स्थित तिगड़ाना गांव को हांसी जिले में शामिल किए जाने की प्रस्तावित योजना को लेकर तिगड़ाना के ग्रामीणों में खासा रोष है तथा वे इस योजना को रद्द कर गांव तिगड़ाना को हांसी की बजाए भिवानी जिला में ही शामिल रखे जाने की मांग उठा रहे है। इसी मांग को लेकर सोमवार को करीबन 1500 के करीबन ग्रामीण भिवानी के उपायुक्त कार्यालय पहुंचे तथा उपायुक्त को मांगपत्र सौंपकर तिगड़ाना को भिवानी जिला में ही शामिल रखे जाने की मांग जोर-शोर से उठाई।

इस दौरान भारी तादात में पहुंचे ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि तिगड़ाना को भिवानी जिले से अलग करना किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
      इस मौके पर गांव तिगड़ाना के सरपंच सुरेंद्र कुमार व ठेकेदार नवीन तंवर ने तिगड़ाना गांव की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान भिवानी जिले से जुड़ी हुई है, जिसे किसी भी हाल में तोडऩे नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि तिगड़ाना गांव की भौगोलिक स्थिति, जनसुविधाएं और प्रशासनिक जरूरतें भिवानी से जुड़ी हुई हैं। गांववाले रोजमर्रा के कार्यो के लिए भिवानी पर निर्भर हैं, चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों या कृषि संबंधी कार्य। ऐसे में 43 किलोमीटर दूर हांसी जिले में शामिल करने से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि गांव तिगड़ाना व तिगड़ी की जनसंख्या करीबन 25 हजार तथा मतदाता करीबन 11 हजार है तथा दोनों गांव का एक ही सरपंच निर्वाचित होता है।
      उन्होंने कहा कि गांव से जिला मुख्यालय भिवानी की दूरी मात्र 7 किलोमीटर होने से ग्रामीणों को अपने विभिन्न कार्यो के लिए भिवानी आने के लिए कम आर्थिक खर्च वहन करने के साथ वाहन भी आसानी से मिल जाते है। इससे उनके समय व रूपये दोनों की बचत है।

लेकिन यदि तिगड़ाना को हांसी जिला में शामिल कर दिया गया तो ग्रामीणों को अधिक खर्च व समय लगेगा, जिससे उनकी आर्थिक परेशानियां बढऩे के साथ-साथ रोजमर्रा के कार्य भी प्रभावित होंगे। जिसका ना कोई औचित्य नहीं बनता तथा यह तिगड़ाना के ग्रामीणों के हितों के भी विपरीत है। ऐसे में वे मांग करते है कि गांव तिगड़ाना को भिवानी जिला में रखा जाए।
     ग्रामीण परमजीत मड्डू व अन्य ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे तथा जरूरत पड़ी तो रोड़ जाम या अन्य राह अपनाकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे। उपायुक्त ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों और भावनाओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और उचित निर्णय लिया जाएगा।
     इस अवसर पर सुरेंद्र पंच, सीताराम चेयरमैन, कृष्ण पार्षद, प्रदीप पूर्व सपंच, परमजीत मड्डू, नेत्र पूर्व सरपंच, कैप्टन रविंद्र, रतिपाल पीटीआई, अजीत प्रधान, श्योराण डीएसपी, राजेश प्रधान, दीपा प्रधान, सुरेंद्र पंच, प्रमोद पंच, सतेंद्र पंच, जोनी एडवोकेट, नवीन एडवोकेट, संजय एडवोकेट, सुमित एडवोकेट, श्याम पंच, भोमराज जेलदार, अनिल परमार, अनिल, चांद, कुलदीप तंवर, जोनी मास्टर, उदय मास्टर, नेत्रपाल, नेतराम, सुनील, अमित, रमेश सोनी, नरेंद्र पूर्व चेयरमैन, बोबी, राजू फौजी, नरेश पटवारी, रामबिलास शर्मा, कुशलपाल फौजी, प्रमोदी, नरेंद्र फौजी, भूप प्रधान, जितेंद्र तंवर, सोनू, रविंद्र, कमल प्रधान सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।