अधिग्रहण के खिलाफ शंकर गिरी कॉलोनी के निवासियों ने सांसद व विधायक को सौंपा ज्ञापन
भिवानी:
भिवानी में रेलवे विभाग द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय हालुवास गेट पर रेलवे फाटक के नजदीक स्थित शंकर गिरी कॉलोनी के निवासियों ने रेलवे की अधिग्रहण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
निवासियों का दावा है कि उनकी दशकों पुरानी आवासीय कॉलोनी को जबरन रेलवे लाइन दोहरीकरण परियोजना के नाम पर अधिग्रहित किया जा रहा है, जबकि इसके पास ही पर्याप्त खाली जमीन उपलब्ध है। रेलवे विभाग द्वारा किए जा रहे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ शनिवार को स्थानीय शंकर गिरी कॉलोनी के निवासियों ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चौ. धर्मबीर सिंह एवं विधायक घनश्याम सर्राफ को मांगपत्र सौंपा।
इस अधिग्रहण की प्रक्रिया ने कॉलोनी के निवासियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। उनका कहना है कि अगर यह अधिग्रहण होता है तो उन्हें अपनी छत गंवानी पड़ेगी और वे रातोंरात बेघर हो जाएंगे। इस दौरान सुरेश शर्मा, अधिवक्ता पवन गौतम, संदीप सिंघल, सचिन शर्मा, अन्नु सोनी, अभिषेक मित्तल, सुमित दहिया, शुभम, बाबूलाल सोनी, बिजेंद्र, सुमित, सतबीर जांगड़ा, हरिओम सहित अन्य क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
सांसद व विधायक को मांगपत्र सौंपते हुए कॉलोनीवासियों ने बताया कि रेलवे विभाग ने 13 अप्रैल को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसके अनुसार खसरा नंबर 145 और 146 को नहरी भूमि के रूप में दिखाकर अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई। उन्होंने कहा कि यह नोटिफिकेशन नहरी भूमि को दर्शा रहा था। इसके बाद 15 अक्तूबर को दोबारा गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित किया गया, जिसमें पहली अधिसूचना के अलावा कॉलोनी वासियों के नाम भी प्रकाशित किए गए।
क्षेत्रवासियों ने कहा कि जिस जमीन को नहरी बताकर अधिग्रहण शुरू किया गया है, वह असल में पूरी तरह से विकसित आवासीय क्षेत्र है, जिसके कारण कॉलोनी वासी बेघर होने की कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि उनके पास घरों की रजिस्ट्री, इंतकाल, पीआईआईडी, नक्शा, बिजली-पानी के बिल सहित सभी आवश्यक दस्तावेज हैं, जो कॉलोनी के अप्रूवड और वैध होने का प्रमाण देते हैं। यही नहीं अधिकतर घरों पर बैंक लोन है, और अगर कॉलोनी अप्रूव्ड नहीं होती तो बैंक लोन नहीं देता।
क्षेत्रवासियों ने कहा कि वर्तमान रेलवे लाइन से अधिग्रहण किया जा रहा क्षेत्र 45 फीट पर स्थित पिलर से शुरू होता है और इसमें 27.5 फीट ज़मीन शामिल है।
उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन के दक्षिण-पश्चिम दिशा में जमीन पूरी तरह से खाली पड़ी है। यदि रेलवे इस खाली जमीन का अधिग्रहण करे तो प्राचीन बाबा जहरगिरी मंदिर, लिटिल हार्ट पब्लिक स्कूल, बंसीलाल पार्क और पूरी आवासीय कॉलोनी को बचाया जा सकता है। कॉलोनी वासियों ने जनप्रतिनिधि से तुरंत इस विषय पर संज्ञान लेने और जल्द से जल्द दोबारा सर्वे की कार्रवाई अमल में लाने की प्रार्थना की, ताकि उनकी आवासीय कॉलोनी को बचाया जा सके।

