संयुक्त किसान मोर्चा व किसान सभा ने सीड बिल व बिजली बिल के विरोध में किया प्रदर्शन
भिवानी:
संयुक्त किसान मोर्चा व अखिल भारतीय किसान सभा ब्लाक भिवानी की ओर से राष्ट्रीय आहवान पर सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में प्रस्तुत सीड बिल व बिजली बिल-2025 की विरोध में प्रदर्शन करते हुए विरोध स्वरूप प्रतियां जलाई तथा इन दोनों बिलों को वापिस नहीं लेने की स्थिति में किसान मजदूरों द्वारा जोरदार आन्दोलन चलाने की केन्द्र सरकार को चेतावनी दी है।
कार्यकम की अध्यक्षता किसान सभा की ब्लाक भिवानी प्रधान संतोष देशवाल ने की तथा मंच संचालन ब्लाक सचिव करतार सिंह ग्रेवाल ने किया ।
विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला प्रधान रामफल देशवाल व उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि केंद्र सरकार बगैर किसान संगठनों से सलाह मशविरा करके एक तरफा तौर पर जो बीज (सीड) बिल-2025 का प्रारूप प्रस्तुत किया है। यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों व देश के कारपोरेट के दबाव में उनके फायदे हेतु प्रस्तुत किया है, जो देश की खाद्य सुरक्षा व कृषि क्षेत्र के लिए तथा फसला विविधता को भारी नुकसान पहुंचाएगा।
खाद्य क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता और बीज संप्रभुता को नष्ट करके रख देगा। इससे बीज प्रदान करने वाली बहु राष्ट्रीय कंपनियों व देशी कारपोरेट का बीज क्षेत्र में एकाधिकार हो जाएगा और नकली बीज आने पर किसान बर्बाद हो जाएगा तथा इस प्रारूप में किसान को होने वाले नुकसान की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की गई है।
देश का किसान परंपरागत रूप से बीज का संरक्षण करता है, उसके अधिकार को भी खत्म करने की साजिश है। हमारे कृषि विश्वविधालयों का जो बीज विकास व उन्नत बीज विकसित करने का अवसर भी समाप्त हो जाएगा।
इसी तरह बिजली बिल 2025 का प्रस्तावित प्रारूप बिजली क्षेत्र का पूरी तरह से निजिकरण करने का रास्ता तैयार किया जा रहा है और यह क्षेत्र अडानी अंबानी जैसे कारपोरेट के हवाले करने की तैयारी चल रही है।
इसी परियोजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे है, जो जनता को उंची दरों पर मंहगी बिजली मिलेगी, खेती के लिए मंहगी बिजली किसान बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। बिजली क्षेत्र का निजिकरण देश के कृषि और छोटे उद्यमों के लिए बर्बादी का कारण होगा। इसलिए किसान मजदूर इन दोनों बिलों का विरोध करेगा और इसके लिए बड़ा एवं संयुक्त आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगा।
इस अवसर पर निर्मल नाथूवास, प्रताप सिंह सिंहमार, महाबीर फौजी, नरेंद्र धनाना, सुखबीर सांगवान, उर्मिल मंडीवाल, रणसिंह नीमड़ीवाली, मामन श्योराण, प्यारेलाल प्रजापति सहित कांग्रेस से शहरी प्रधान प्रदीप गुलिया जोगी, माकपा से सुखदेव पालवास, कामरेड ओमप्रकाश व कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल रहे।

