SP सुमित कुमार शहीदों के परिवारों को किया गया सम्मानित, कहा पुलिस प्रशासन सदैव आपके साथ

 
SP सुमित कुमार शहीदों के परिवारों को किया गया सम्मानित, कहा पुलिस प्रशासन सदैव आपके साथ

जिला पुलिस लाइन, भिवानी में हर वर्ष की भांति 21 अक्टूबर को पुलिस शहीदी स्मृति दिवस एवं पुलिस झंडा दिवस मनाया गया।

शहीद जवानों की शहादत एवं वीरगति को कभी भुलाया नहीं जा सकता- श्री सुमित कुमार पुलिस अधीक्षक भिवानी।

जिला भिवानी के तीन वीर सपूतों ने अपने कर्तव्य के दौरान अपनी जान की थी न्योछावर, पाया शहीद का दर्जा।

एक वर्ष की अवधि में देश भर के 191 जवानों ने देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दी शहादत।

अपने कर्तव्य/ड्यूटी के दौरान अपनी शाहदत देने वाले पुलिस के शहीद जवानों को याद किया गया व शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र व पुष्प माला अर्पित कर उन्हें दी गई श्रद्धांजलि
                

 को पुलिस लाईन भिवानी के प्रांगण में स्थित शहीद स्मारक स्थल पर पुलिस स्मृति एंव झंडा दिवस मनाया गया । इस अवसर पर देश के लिये शहीद हुये पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानो को जिला पुलिस भिवानी की तरफ से श्रद्वासुमन अर्पित कर उन्हे श्रद्वांजलि दी गई तथा इसके पश्चात पुलिस अधीकारियों व कर्मचारियों द्वारा एक दुसरे की शर्ट पर पुलिस ध्वज लगाकर पुलिस झंडा दिवस मनाया ।

शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक श्री सुमित कुमार भा०पु०से० ने इस अवसर पर देश के लिये शहीद हुए पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों को पुष्प च्रक अर्पित कर नमन किया । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि देश की रक्षा कर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदो से प्रेरणा लेकर अपने जीवन मे प्रण करना चाहिये की हम अपने सामने आने वाली किसी भी चुनौती का दृढता से सामना करेगें चाहे हमे इसके लिये प्राणो की भी आहुति क्यों न देनी पडे । 

उन्होनें कहा की साल 1959 से चीन से सटी भारतीय सीमा की रक्षा में बलिदान देने वाले दस पुलिसकर्मियों की याद में यह खास दिन मनाना शुरु किया गया ।

यह भी कहा कि देश की सीमा की रक्षा में लगे सैन्य बलों के बलिदान की आपने कई काहनियां सुनी होंगी लेकिन हमारे पुलिस कर्मियों के शौर्य और बलिदान का इतिहास भी किसी से कम नहीं है । कुछ ऐसा ही साल 1959 में हुआ था जब पुलिसकर्मी पीठ दिखाने की बजाय चीनी सैनिको की गोलियां सीने पर खाकर शहीद हुये । चीन के साथ देश की सीमा की रक्षा करते हुये जो बलिदान दिया था उसकी य़ाद में हर साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है । ये बात 21 अक्टूबर साल 1959 की है जब 10 पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया था तब तिब्बत के साथ भारत की 2,500 मील की सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों की थी ।

इस घटना से एक दिन पहले 20 अक्टूबर 1959 को तीसरी बटालियन की एक कंपनी को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स नाम के स्थान पर तैनात किया गय़ा था । इस कंपनी को 03 टुकड़ियों में बांटकर सीमा सुरक्षा की बागडोर दी गई थी । लाइन ऑफ कंट्रोल में जवान गश्त के लिये निकले । आगे गई दो टुकड़ी के सदस्य उस दिन दोपहर बाद तक लौट आये लेकिन तीसरी टुकड़ी के सदस्य नहीं लौटे । उसी टुकड़ी में दो पुलिस कॉस्टेबल और पोर्टर शामिल थे । अगले दिन फिर सभी जवानों को इकट्ठा किया गया औऱ गुमशुदा लोगों (जवानों) की तलाश के लिये एक टुकड़ी का गठन किया गया ।

उन्होंने बताया कि गुमशुदा हो गए पुलिसकर्मियों की तलाश में तत्कालीन डीसीआईओ करम सिंह के नेतृत्व में एक टुकड़ी  21 अक्टूबर 2018 को सीमा के लिए निकली । इस टुकड़ी में करीब 20 पुलिसकर्मी शामिल थे। करम सिंह घोड़े पर सवार पर थे जबकि बाकी पुलिसकर्मी पैदल थे । पैदल सैनिकों को तीन टुकड़ियों में बांट दिया गया था । तभी दोपहर के समय चीन के सैनिंकों ने एक पहाड़ी से गोलियां चलाना औऱ ग्रनेड फेंकना शुरु कर दिया ।

अपने साथियों की तलाश में निकली ये टुकड़ियां खुद की सुरक्षा का कोई उपाय नहीं करके गई थी इसलिए ज्यादातर सैनिक घायल हो गए । तब उस हमले में देश 10 वीर शहीद हो गए जबकि सात अन्य बुरी तरह घायल हो गये ।

यही नहीं , इन सातों घायल पुलिसकर्मियों को चीनी सैनिक बंदी बनाकर ले गये जबकि बाकी अन्य पुलिसकर्मी वहां से निकलने में कामयाब रहे । 13 नवंबर ,1959 को शहीद हुये दस पुलिसकर्मियों का शव चीनी सैनिकों ने लौटा दिया । उन पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ हुआ । उन्ही शहीदों के सम्मान में हर साल 21 अक्टूबर को नेशनल पुलिस डे या पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है ।

ऐसे हुई स्मृति दिवस मनाने की शुरुआत :-

जनवरी 1960 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरक्षकों का वार्षिक सम्मेलन हुआ था । इस सम्मेलन में लद्दाख में शहीद हुए उन वीर पुलिसकर्मनियों और साल के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का फैसला लिया गया।

जिला भिवानी के वीर सपूतों की गौरव गाथा

जिला भिवानी के वीर शहीद सपूतों की गौरव गाथा बताते हुए पुलिस अधीक्षक भिवानी ने कहा कि भिवानी जिले के डीएसपी राव रणबीर सिंह दिनांक 31.03.1989 को कंट्रोल रूम से सूचना मिलेगी कुछ आतंकवादी कृषि नितेत्राक्ष कार्यालय पंजाब से ₹ 70,000/- लूटकर भाग गए हैं इस पर रणबीर सिंह उप पुलिस अधीक्षक अम्बाला अपने स्टाफ सहित लुटेरों को खोजने के लिए निकल पड़े जब वह सूरजपुर सीमेंट फैक्ट्री के पास पहुंचे तो उन्हें कालका की तरफ से एक आती हुई मारुति वैन को ओवरटेक करके रुकवाने की कोशिश की तो श्री रणबीर सिंह पर वैन में बैठे आतंकवादियों ने गोलियों की बौछार कर दी इस मुठभेड़ में पुलिस चालक व पुलिस अधीक्षक रणबीर सिंह गोली लगने से शहीद हो गए थे।

सिपाही राजेश कुमार जिला गुरुग्राम में एक अपराधी की सुरक्षा के लिए अपनी ड्यूटी पर तैनात थे जो दिनांक 10.01.2004 को जिला न्यायालय गुरुग्राम में पेशी के लिए अपराधी को लेकर आए थे इस समय जिला न्यायालय की कोर्ट नंबर तीन के सामने अपराधी किस्म के चार - पांच लड़के पहले से ही इंतजार में खड़े थे जिन्होंने पेशी के लिए लाए गए अपराधी के वहां पहुंचते ही उसे पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी जो इस वारदात में सिपाही राजेश कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बदमाशों का साहस से सामना किया था तथा मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

 सिपाही सत्यवान सुरक्षा ड्यूटी पर अन्य साथियों के साथ तैनात थे तब आतंकवादियों के द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया गया था जो इस हमले में जिला कुरुक्षेत्र में सिपाही सत्यवान शहीद हो गए थे।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक भिवानी के द्वारा पिछले 01 वर्ष में शहीद हुए 191 जवानों के नाम पढे गए। सभी शहीद जवानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 

इस अवसर पर  डीएसपी मुख्यालय महेश कुमार, डीएसपी क्राइम भिवानी अनूप कुमार, डीएसपी सिवानी आर्यन चौधरी सहित सभी थाना व चौकी प्रभारियों के अतिरिक्त अनेक पुलिस कर्मचारियो ने पुष्प चढाकर शहीदो को श्रद्वासुमन अर्पित किया ।

इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक ने शहीदों के परिवारों को सम्मानित करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि पुलिस प्रशासन हर समय उनके साथ है। वहीं तीनों शहीद परिवार ने कहा कि आज उन्हें अपने शहीदों की कुर्बानी का बिल्कुल भी गम नहीं बल्कि गर्व है कि उनकी जान देश की रक्षा के काम आई।